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डीएलसीसी की बैठक में शामिल होने से कन्नी काटते हैं कुछ बैंक
बोकारो: किसी भी क्षेत्र की आर्थिक पहचान वहां के बैंक के प्रदर्शन पर बनती है. जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधि बैंक के साथ बैठक कर क्षेत्र के विकास के लिए विभिन्न योजना का खाका तैयार करते हैं. विभिन्न बैंक के प्रदर्शन के अनुसार क्रमबद्ध योजना का लक्ष्य दिया जाता है. हर तिमाही में ऐसी बैठक जिला […]
बोकारो: किसी भी क्षेत्र की आर्थिक पहचान वहां के बैंक के प्रदर्शन पर बनती है. जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधि बैंक के साथ बैठक कर क्षेत्र के विकास के लिए विभिन्न योजना का खाका तैयार करते हैं. विभिन्न बैंक के प्रदर्शन के अनुसार क्रमबद्ध योजना का लक्ष्य दिया जाता है. हर तिमाही में ऐसी बैठक जिला प्रशासन (डीसी) की अध्यक्षता में आहूत की जाती है. ऐसा हर जिला में होता है. लेकिन, बोकारो के बैंक बैठक में न तो प्रतिनिधि भेजते हैं, न ही प्रदर्शन का आंकड़ा उपलब्ध कराते हैं.
34 बैंक में से 11 का आंकड़ा गैरहाजिर: 19 अप्रैल को जिला समाहरणालय में डीएलसीसी (जिला स्तरीय समन्वय समिति) की बैठक बुलायी गयी थी. बैठक 2016-17 वित्तीय वर्ष के दौरान बैंक कार्यों की समीक्षा करने व 2017-18 वित्तीय वर्ष के लिए विभिन्न योजना के तहत बैंक को लेकर टारगेट देने के लिए बुलाया गया था. बैठक में जिला के सभी 34 बैंक को बुलाया गया था. साथ ही आंकड़ा मांगा गया था. इसमें 11 बैंक ने आंकड़ा भेजना उचित नहीं समझा.
उठता है सवाल, ऐसे में कैसे होगी बैठक
बैठक में विभिन्न बैंक के प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति व आंकड़ा की कमी चर्चा का विषय बना. डीसी राय महिमापत रे ने कहा : बिना आंकड़ा के बैठक कैसे संभव है. बैंक बैठक को महत्व नहीं दे रहे हैं. डीसी की नाराजगी इस बात से भी जाहिर हुई कि वह बैठक में कुछ मिनट रूके. इस दौरान उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक- रांची के एजीएम से भी आंकड़ों की कमी की बात बतायी. अनुपस्थित बैंक से स्पष्टीकरण मांगा गया. जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दा को उठाया.
… तो रोक दी जायेगी फंडिंग
बेरमो विधायक योगेश्वर प्रसाद महतो ने कहा : बैंक की ढुलमुल रवैया का असर क्षेत्र के विकास कार्य में होता है. जब बैंक बैठक में नहीं आ रहे हैं, तो ग्राहकों को कितना परेशान करते होंगे. बेरमो विधायक ने कहा : क्षेत्र के विकास में बैंक का अहम रोल होता है. अगर बैंक यह रोल निभाने से पीछे हटते हैं, तो सरकार की ओर से दिये जा रहे फंडिंग (डिपोजिट) को रोक लिया जायेगा. हर काम आम जनता की भलाई के लिए होनी चाहिए. हर जरूरत मंद को योजना का लाभ दिया जाये. एक्सिस बैंक, बंधन बैंक, भारतीय महिला बैंक, कैनरा बैंक, धनबाद सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, फेडरल बैंक, एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, इंडसइंड बैंक, यूको बैंक व यस बैंक ने तय समय सीमा पर आंकड़ा जमा नहीं किया. हालांकि कुछ बैंक ने बैठक के दौरान आंकड़ा प्रस्तुत कर दिया था.
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