बोकारो: आजकल की भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में हर तीसरा आदमी अवसाद का शिकार होता जा रहा है. अवसाद कई बार थोड़े समय के लिए ही रहता है. कभी अवसाद भयानक रूप ले लेता है. जब कोई व्यक्ति अवसाद संबंधी विकार से पीड़ित होता है, तो यह विकार उस व्यक्ति के रोजमर्रा के जीवन व उसके सामान्य कामकाज में बाधा डालता है. तब उस व्यक्ति व उसके परिवार के दुखों का कारण बन जाता है. सेक्टर पांच में रहने वाले व्यवसायी गोपाल दास गांधी के मामले में अवसाद ही मुख्य कारण है. घटना के पीछे आर्थिक दिक्कत व मानसिक परेशानी व सामाजिक प्रतिष्ठा मुख्य वजह है. यह बातें बोकारो जेनरल अस्पताल के वरीय मनोचिकित्सक डॉ केएन ठाकुर ने ‘प्रभात खबर’ से कही.
व्यवसाय में कर्ज एक आम बात
डॉ ठाकुर ने कहा : व्यवसाय में कर्ज एक आम बात है. व्यवसायियों को इसे अधिक गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. जब कर्ज के कारण तनाव अधिक बढ़ने लगे, तो यार-दोस्त व परिवार का सहारा लेना चाहिए. अपनी आर्थिक समस्या को लेकर चर्चा करनी चाहिए. चर्चा की गयी होती, तो समाधान निश्चित रूप से निकलता. स्व गांधी का सोचना कि उनके बाद उनके परिवार का क्या होगा. घटना को विभत्स बना गया. जब भी किसी के समक्ष ऐसी परेशानी आये. तो यार-दोस्त, परिवार या मनोचिकित्सक का सहारा लेना चाहिए. जीवन को आनंदमय तरीके से जीना चाहिए. जीवन समाप्त करना समस्या का समाधान कदापि नहीं हो सकता है.
क्या होती है अवसाद की स्थिति
अवसाद की स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब हम जीवन के हर पहलू पर नकारात्मक रूप से सोचने लगते हैं. जब यह स्थिति चरम पर पहुंच जाती है. तो व्यक्ति को अपना जीवन बिना उद्देश्य के लगने लगता है. जब मस्तिष्क को पूरा आराम नहीं मिल पाता. उस पर हमेशा एक दबाव बना रहता है, तो समझें कि तनाव ने आपको अपनी चपेट में ले लिया है. तनाव के कारण शरीर में कई हार्मोन का स्तर बढ़ता जाता है. इनमें एड्रीनलीन व कार्टिसोल प्रमुख हैं. लगातार तनाव की स्थिति अवसाद में बदल जाती है. अवसाद एक गंभीर स्थिति है. हालांकि यह कोई रोग नहीं है, बल्कि इस बात का संकेत है कि आपका शरीर व जीवन असंतुलित हो गया है.