न्यायालय में यह मामला सेशन ट्रायल संख्या 66/07 व चास थाना कांड संख्या 149/06 के तहत चल रहा था. यह घटना सात नवंबर 2006 की है. घटना की प्राथमिकी चास के सुखदेव नगर निवासी मृतक समरजीत मोदक के पिता सत्यनारायण मोदक ने दर्ज करायी थी.
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चास के सुखदेव नगर निवासी गौतम कुमार की हुई थी हत्या, दो हत्यारे को उम्रकैद
बोकारो: स्थानीय न्यायालय के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चतुर्थ बबीता प्रसाद की अदालत ने चास के सुखदेव नगर निवासी युवक समरजीत मोदक उर्फ गौतम कुमार (17 वर्ष) की हत्या के मामले में गुरुवार को दो युवकों को दोषी करार देते हुए आजीवन सश्रम कारावास की सजा दी है. दो हजार रुपये जुर्माना की सजा […]
बोकारो: स्थानीय न्यायालय के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चतुर्थ बबीता प्रसाद की अदालत ने चास के सुखदेव नगर निवासी युवक समरजीत मोदक उर्फ गौतम कुमार (17 वर्ष) की हत्या के मामले में गुरुवार को दो युवकों को दोषी करार देते हुए आजीवन सश्रम कारावास की सजा दी है. दो हजार रुपये जुर्माना की सजा दी है. जुर्माना नहीं देने पर मुजरिम को दो माह की सश्रम कारावास होगी. सजा पाये मुजरिम में चास के भालसुंधा निवासी बहादुर महतो (29 वर्ष) व राजेश महतो उर्फ चिन्नीवास महतो (29 वर्ष) शामिल हैं.
दशहरा की छुट्टी में आया था घर : समरजीत मोदक महाराष्ट्र के पुणे स्थित बालाजी कॉलेज का छात्र था. दुर्गापूजा के अवसर पर वह चास स्थित अपने घर आया था. सात नवंबर 2006 की शाम समरजीत मोदक अपने पिता को बताया : बहादुर मोदक के पास एक मोबाइल है. जिसे वह बेचना चाहता है. बहादुर मोदक का मोबाइल खरीदने की बात कह समरजीत ने अपने पिता से पैसा लिया. समरजीत ने अपने पिता को बताया कि बहादुर मोदक ने उसे अपना मोबाइल बेचने के लिए चास स्थित भगवती मेडिकल के पास बुलाया है. पिता से पैसा लेकर समरजीत तुरंत अपने घर से निकल गया. रात दस बजे तक समरजीत अपने घर वापस नहीं लौटा.
मुजरिम की निशानदेही पर बरामद हुआ था युवक का शव
समरजीत के पिता अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ बेटे को खोजने निकले. बहादुर महतो के घर जाकर उससे बात की तो उसने पहले टाल-मटोल करने का प्रयास किया. बहादुर महतो ने बताया : समरजीत को वह जोधाडीह मोड़ छोड़कर घर लौट आया है. समरजीत के पिता को भरोसा नहीं हुआ. उन्होंने इसकी सूचना चास पुलिस को दी. पुलिस ने बहादुर को पकड़ कर पूछताछ की तो दूसरे दिन समरजीत की हत्या का खुलासा हुआ. बहादुर महतो व राजेश महतो अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर समरजीत की हत्या गला दबाकर कर दी थी. साक्ष्य छुपाने के लिए सभी ने मिलकर समरजीत के शव पर पत्थर रखकर रस्सी से बांध कर चीरा चास स्थित पत्थर खदान के गहरे पानी में डाल दिया था. बहादुर महतो के निशानदेही पर पुलिस ने समरजीत मोदक उर्फ गौतम कुमार का शव बरामद किया था.
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