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जैविक उद्यान-सेक्टर 4. अजगर को पुआल की सेज चीता के घर में रूम हीटर
बोकारो: अजगर के लिए पुआल की सेज… चीता के घर में रूम हीटर… बंदर के लिए पुआल का बिछावन… छोटी-छोटी चिड़ियों के घोंसलों में सूखी घास व पुआल… सेक्टर-4 स्थित जैविक उद्यान में पशु-पक्षी को ठंड के प्रकोप से बचाने के लिए उद्यान प्रबंधन की ओर से हर तरह के जतन किये गये हैं. साथ […]
बोकारो: अजगर के लिए पुआल की सेज… चीता के घर में रूम हीटर… बंदर के लिए पुआल का बिछावन… छोटी-छोटी चिड़ियों के घोंसलों में सूखी घास व पुआल… सेक्टर-4 स्थित जैविक उद्यान में पशु-पक्षी को ठंड के प्रकोप से बचाने के लिए उद्यान प्रबंधन की ओर से हर तरह के जतन किये गये हैं. साथ ही पशु-पक्षी के खाने-पीने का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है. जैविक उद्यान 127 एकड़ में फैला हुआ है. उद्यान में 234 तरह के पशु-पक्षी है. उद्यान में प्रतिवर्ष चार लाख से अधिक विजिटर्स भ्रमण के लिए आते हैं.
ठंड में सिर्फ आदमी को ही रूम हिटर की जरूरत नहीं पड़ती. जानवरों को भी इसकी दरकार होती है. जैविक उद्यान में चीता के लिए रूम हीटर की व्यवस्था की गयी है. उद्यान में 04 चीता हैं. इनके लिए दो रूम हीटर लगाया गया है. खास तौर से अजगर को ठंड से बचाने की विशेष व्यवस्था की गयी है. उनके ठिकाने में सूखा पुआल डाला गया है. चितल हिरण, ब्लैक बक, सांभर, नीलगाय, बंदर के लिए भी पुआल का बिछावन तैयार किया गया है. छोटी-छोटी चिडि़यां के घोंसला के पास सूखी घास व पुआल रखी गयी है.
पशु-पक्षी के खान-पान पर भी विशेष नजर : सियार के लिए भी ठंड से राहत दिलाने के लिए पुआल का सेज बिछाया गया है. लकड़बग्घा को भी आवभगत की इसी श्रेणी में रखा गया है. सभी छोटेे-बड़े पिंजड़े के आसपास की पेड़ों की टहनी काट दी गयी है, ताकि जानवर दिन में ठंड की गुनगुनी धूप का लुत्फ उठा सकेें. रात में जानवरों के पिंजड़े के खिड़की को बोरा से ढक दिया जाता है. ठंड के प्रकोप को देखते हुए पशु-पक्षी के खान-पान पर विशेष नजर रखी जा रही है. इनको काफी मात्रा में विटामिन ए दिया जा रहा है. भालू को काफी मात्रा में शहद दिया जा रहा है.
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