श्री मुर्मू ने कहा कि सरकार द्वारा सीएनटी/एसपीटी कानून में संशोधन, डोमिसाइल लागू नहीं करना व सरना धर्म की मान्यता खारिज करना झारखंडी आदिवासी-मूलवासी के अस्तित्व, पहचान व हिस्सेदारी समाप्त करना है.
ऐसे में आदिवासी आरक्षित सीटों से जितने वाले आदिवासी एमएलए सीएनटी/एसपीटी की रक्षा समेत अन्य मांगों के लिए सरकार पर दबाव बनाये, अन्यथा जनहित में सामूहिक इस्तीफा दें. प्रदेश महामंत्री विदेशी महतो व प्रदेश संयोजक हराधन मार्डी ने भी विचार रखे. अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश महतो ने कार्यक्रम का समर्थन किया. मौके पर प्रदेश संयोजक देवनारायण मुर्मू, युवा संयोजक करमचंद हांसदा, सुखदेव मुर्मू, सीता राम सोरेन, भीम मुर्मू, लालजी बास्के, संतोष सोरेन, फुलचंद किस्कू, सुशील सोरन, वोधन सोरेन आदि मौजूद थे.