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बोकारो जिला में तीन कर्मचारियों के भरोसे चल रहा आयुष विभाग
बोकारो: बोकारो का जिला आयुष कार्यालय सिर्फ तीन कर्मचारी चला रहे हैं, जबकि यहां 13 कर्मचारियों की जरूरत है. ऐसे में न तो मरीजों को लाभ मिल रहा है और न ही विभाग ही ठीक से चल रहा है. वर्ष 2007 में चास बुनियादी विद्यालय प्रांगण में आयुष जिला कार्यालय खुला. अब यह खंडहर का […]
बोकारो: बोकारो का जिला आयुष कार्यालय सिर्फ तीन कर्मचारी चला रहे हैं, जबकि यहां 13 कर्मचारियों की जरूरत है. ऐसे में न तो मरीजों को लाभ मिल रहा है और न ही विभाग ही ठीक से चल रहा है. वर्ष 2007 में चास बुनियादी विद्यालय प्रांगण में आयुष जिला कार्यालय खुला. अब यह खंडहर का रूप ले चुका है.
आयुष चिकित्सा का लाभ लेने वाले मरीज काफी खोजबीन के बाद यहां पहुंच पाते हैं. पहुंचने पर ज्यादा खुशी नहीं होती है. इसकी वजह है चिकित्सक का ज्यादातर नहीं मिला. कई लोग घंटों बैठे रहते हैं तो कई लोग बिना लाभ लिये वापस चले जाते हैं.
एक चिकित्सक थे जो गोड्डा में हैं प्रतिनियुक्त : जिला आयुष पदाधिकारी डॉ भरत कुमार विक्रम के अनुसार एक चिकित्सक थे जो गोड्डा में प्रतिनियुक्त हैं. मैं जिला आयुष पदाधिकारी के पद पर हूं, लेकिन मरीजों के आ जाने पर इलाज में जुट जाता हूं. इस कारण फील्ड विजिट छूट जाता है. जिला में कुल 189 आयुष क्लिनिक चल रहे हैं, लेकिन विजिट के अभाव में मात्र पांच का ही निबंधन करा पाया हूं. छह चिकित्सक आयुष के हैं. सभी एनआरएचएम के अधीन कार्यरत हैं. लोगों को आयुष का लाभ नहीं मिल पाता है. प्रतिदिन लगभग 35 मरीज पहुंचते हैं.
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