साथ ही संगीत, कला खेल आदि क्षेत्रों में बेहतर कार्य कर रहे उक्त क्षेत्रों के प्रशिक्षक भी शामिल होंगे. तुम तो ठहरे परदेसी… 90 के दशक में शून्य से शुरू होकर देखते ही देखते शिखर पर विराजमान हो जाने वाली यह कव्वाली आपको याद होगी. इस कव्वाली के जादू ने उसके गायक अल्ताफ राजा को रातोंरात सेलिब्रिटी बना शिखर पर पहुंचा दिया था. वही अल्ताफ राजा अब बोकाराे आ रहे हैं अपनी गायकी का जलवा दिखाने के लिए. अल्ताफ राजा ‘गुरु सम्मान 2016’ समारोह में अपनी प्रस्तुति देंगे.
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‘तुम तो ठहरे परदेसी’ फेम अल्ताफ राजा के साथ आज झूमेगा बोकारो
बोकारो: तुम तो ठहरे परदेसी, साथ क्या निभाओगे… फेम अल्ताफ राजा के साथ 23 अक्तूबर को बोकारो झूमेगा. मौका होगा ‘प्रभात खबर गुरु सम्मान 2016’ का. कार्यक्रम सेक्टर-5 स्थित बोकारो क्लब में अपराह्न तीन बजे से होगा. ‘गुरु सम्मान 2016’ के तहत ‘स्टील सिटी’ बोकारो को ‘एजुकेशन हब’ बनाने वाले प अपनी मेधा व ज्ञान […]
बोकारो: तुम तो ठहरे परदेसी, साथ क्या निभाओगे… फेम अल्ताफ राजा के साथ 23 अक्तूबर को बोकारो झूमेगा. मौका होगा ‘प्रभात खबर गुरु सम्मान 2016’ का. कार्यक्रम सेक्टर-5 स्थित बोकारो क्लब में अपराह्न तीन बजे से होगा. ‘गुरु सम्मान 2016’ के तहत ‘स्टील सिटी’ बोकारो को ‘एजुकेशन हब’ बनाने वाले प अपनी मेधा व ज्ञान से समाज के विभिन्न क्षेत्रों के नवागंतुकों को गुणवत्ता पूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने वाले गुरुओं को सम्मानित किया जायेगा.
पहली बार बोकारो आ रहे हैं अल्ताफ
फिल्मों ही नहीं सामान्य गायकी से भी कव्वाली के लुप्त हो जाने के युग में अल्ताफ ने कव्वाली को पुर्नस्थापित कराया. अल्ताफ राजा एक जाने-माने भारतीय कव्वाली गायक है. 1993 से अपने संगीत सफर की शुरुआत करने वाले अल्ताफ राजा ने 2010 में ‘टूनपुर का सुपरहीरो’ मूवी में गाने के बाद गायकी से विश्राम ले लिया था. फिर 2 साल के इंतजार के बाद इन्होंने 2013 में ‘घनचक्कर’ मूवी से वापसी की. अल्ताफ राजा बोकारो में पहली बार प्रस्तुति देंगे. इसको लेकर बोकारो वासी काफी उत्साहित हैं. खासकर, युवा वर्ग का उत्साह देखते ही बन रहा है.
1993 में आया था पहला अलबम
1993 में अल्ताफ राजा ने अपनी पहली अलबम तुम तो ठहरे परदेसी… से पहचान बनायी. तब से वह बहुत सारे अलबम में काम कर चुके है. एशियाई अकादमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन से भी उनके बेहतरीन संबंध रहे है. अल्ताफ राजा अपने गीतों के बोल और अपनी अनूठी आवाज दोनों के कारण बेहद लोकिप्रय हैं. गायकी के अलावा अल्ताफ कुछ बॉलीवुड फिल्मों जैसे शपथ (1997), यमराज (1998), मदर (1999), घनचक्कर (2013) में अभिनय भी कर चुके है.
आवारा हवा का झोंका हूं…
तुम तो ठहरे परदेसी, आज की रात न जा परदेसी, शपथ, यमराज, तिरछी टोपीवाले, कीमत, मुझे अपना बना लो, दो दिल हारे, दिल के टुकड़े हज़ार हुए, दिल का हाल सुने दिलवाला, कंपनी, ताजा हवा लेते हैं, कोई पत्थर से न मारे, आवारा हवा का झोंका हूं, पहले तो कभी कभी गम था, अल्ताफ एंड अदनान एक साथ (2001), घनचक्कर (2013), खिलौना जान कर (2003), एक दर्द सभी को होता है (2003), मार्केट (2003), दूकान (2004), तेरे इश्क ने मालामाल किया (2006), हरजाई (2006), अश्कों की बारात….
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