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चंदनकियारी के चार दर्जन मजदूर रोजगार की तलाश में पश्चिम बंगाल हुए रवाना
चंदनकियारी. गांव में ही रोजगार के इच्छुकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार संचालित मनरेगा हो या अन्य कार्यक्रम, सभी खोखला साबित हो रहा है. मनरेगा जैसे कार्यक्रम के रहते हुए प्रखंड के दर्जनों मजदूर मंगलवार को रोजगार की तलाश में बंगाल के लिए पलायन कर गये. चार दर्जन कर गये पलायन : […]
चंदनकियारी. गांव में ही रोजगार के इच्छुकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार संचालित मनरेगा हो या अन्य कार्यक्रम, सभी खोखला साबित हो रहा है. मनरेगा जैसे कार्यक्रम के रहते हुए प्रखंड के दर्जनों मजदूर मंगलवार को रोजगार की तलाश में बंगाल के लिए पलायन कर गये.
चार दर्जन कर गये पलायन : चंदनकियारी पूर्वी पंचायत अंतर्गत सहिस टोला के चार परिवारों के 15 सदस्य, सहरजोरो पंचायत के आठ परिवार के 30 सदस्य बंगाल के रानीगंज चिमनी ईंट भट्ठे में कार्य करने के लिए पलायन कर गये है. सभी मजदूर अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें भट्ठा मालिक नौ महीने के लिए प्रति हजार ईंट बनाने के लिए 500 रु की दर से मजदूरी देते हैं. सभी मजदूर बिचौलियों के जरिये मजदूरी के लिए भेजे जाते हैं. बताते हैं कि भट्ठा मालिक मजदूरों को सभी सुविधा देते हैं. वर्ष के शेष तीन महीने मजदूरों को अग्रिम राशि दी जाती है.
क्या है प्रावधान : अन्यत्र कार्य करने वाले मजदूरों का निबंधन प्रखंड प्रशासन के द्वारा कराया जाता है. पंचायत के मुखिया या संबंधित पंचायत सेवक के पास निबंधन करवाया जाता है. निबंधन के पश्चात दुर्घटना की स्थिति में मजदूर की ओर से दुर्घटना मुआवजा दावा किया जा सकता है.
ऐसी जानकारी हमें नहीं मिली है. बाहर कार्य करने वाले मजदूर आवेदन दें. सरकारी नियमानुसार उन्हें इजाजत के साथ उनका निबंधन भी करवाया जायेगा.
रवींद्र कुमार गुप्त, बीडीओ, चंदनकियारी
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