घटना के बाद बोकारो जेनरल अस्पताल में भरती मनोज की हालत में सुधार होने के बाद हरला थाना पुलिस ने सोमवार को उसका बयान दर्ज किया. पुलिस के समक्ष दिये बयान में मनोज ने बताया : वह रविवार की रात वैशाली मोड़ से अपने घर पैदल लौट रहा था. जब वह स्ट्रीट संख्या 36 में पहुंचा. इसी दौरान अचानक पटाखा जलने की आवाज आयी. कुछ ही देर में चक्कर आने लगा और मैं बेहोश होकर जमीन पर गिर गया. एक-डेढ़ मिनट के बाद होश आया तो लोगों को घर पहुंचाने का आग्रह किया.
सामने पीपल पेड़ के चबुतरा पर बैठे पीके भैया को इशारा कर बुलाया. वह जब आये तो बताया कि मेरी कमर के नीचे जांघ से काफी खून निकल रहा है. इसी बीच आने-जाने वाले काफी लोगों की भीड़ जमा हो गयी. लोग टेंपो रूकवा कर भेजने का प्रयास कर रहे थे तभी हरला थाना पुलिस का गश्ती दल मौके पर पहुंच गया. पुलिस ने अपने जिप से इलाज के लिए बीजीएच में भरती कराया. पुलिस के समक्ष मनोज ने गोली चलाने वाले व्यक्ति की पहचान करने में असमर्थता जतायी है. मनोज ने बताया है कि चास में उसकी साढ़े अठारह डिसमिल जमीन है. उक्त जमीन के कारण रोटरी के पदाधिकारियों व सदस्य से उनका विवाद चल रहा है. इसी विवाद के निबटारा के लिए मनोज घटना के एक दिन पहले शनिवार की सुबह चास रोटरी के अध्यक्ष अमरदीप के पास गये थे. अमरदीप ने जमीन विवाद को सुलझा देने का आश्वासन दिया था. मनोज ने बताया है कि उक्त जमीन विवाद में नापी को लेकर गत 10 सितंबर को मुझ पर केस हुआ था. मामले में मनोज को जेल भी जाना पड़ा था. मनोज के अनुसार, जमीन विवाद सुलझाने की बात अभी चल रहा थी. इसी बीच उनपर जानलेवा हमला हो गया.