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हिंदी में होता है अपनत्व का बोध : राजवीर
बोकारो: हिंदी ना सिर्फ राष्ट्र की भाषा है, बल्कि देश को जोड़ने का भी काम करती है. हिंदी में अपनत्व का बोध होता है. कार्यक्षेत्र में हिंदी का प्रयोग करने से सभी स्तर के लोगों को फायदा होता है. यह बातें बीएसएल नगर सेवा महाप्रबंधक राजवीर सिंह ने बुधवार को सेक्टर 02/बी स्थित पानी टंकी […]
बोकारो: हिंदी ना सिर्फ राष्ट्र की भाषा है, बल्कि देश को जोड़ने का भी काम करती है. हिंदी में अपनत्व का बोध होता है. कार्यक्षेत्र में हिंदी का प्रयोग करने से सभी स्तर के लोगों को फायदा होता है. यह बातें बीएसएल नगर सेवा महाप्रबंधक राजवीर सिंह ने बुधवार को सेक्टर 02/बी स्थित पानी टंकी प्रांगण में आयोजित हिंदी कार्यशाला सह संकल्पना सम्मान समारोह में कही. आयोजन बीएसएल जलापूर्ति अनुभाग (नगर प्रशासन) की ओर से किया गया. इस दौरान क्विज व कवि गोष्ठी का भी आयोजन हुआ.
राजभाषा अधिकारी शांता सिन्हा व एसके बरियार ने भाषागत नीतियों के बारे में बताया. अतिथियों का स्वागत जलापूर्ति विभाग के उप महाप्रबंधक बीके झा ने किया. बोकारो के दिवंगत साहित्यकार स्व. डॉ रामसागर सिंह की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. क्विज में आलोक श्रीवास्तव, तसमीम, टीके दास, अमर कुमार, संजय कुमार, आरएन झा को पुरस्कार मिला. कार्यशाला में एनएन झा, श्याम नारायण, एस चंडी, सरोज तिवारी, केएस राव, डॉ मुकुल विश्नोई, एमपी सिंह, डॉ बलराम दूबे, डॉ. रंजना श्रीवास्तव, अमीरी नाथ झा समेत दर्जनों साहित्कार, कवि, अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे.
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