अदालत में चार्जशीट दायर होने के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रकाश झा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए उक्त चार्जशीट को गलत करार दिया है. सीजेएम ने केस के आइओ सह बीएस सिटी थाना के दारोगा कामता राम को चार्जशीट वापस करने का फैसला सुनाते हुए फिर से उक्त केस का सही तरीके से अनुसंधान कर न्यायालय में चार्जशीट दायर करने का आदेश दिया है.
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आइओ की लापरवाही उजागर
बोकारो: बीएस सिटी थाना में दर्ज छेड़खानी के एक मामले में केस के आइओ ने जानकारी के अभाव में बड़ी गलती कर डाली. केस के आइओ सह दारोगा कामता राम ने छेड़खानी के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दिये गये आइटी एक्ट की धारा 66 ए के तहत सीजेएम के अदालत में […]
बोकारो: बीएस सिटी थाना में दर्ज छेड़खानी के एक मामले में केस के आइओ ने जानकारी के अभाव में बड़ी गलती कर डाली. केस के आइओ सह दारोगा कामता राम ने छेड़खानी के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दिये गये आइटी एक्ट की धारा 66 ए के तहत सीजेएम के अदालत में 14 सितंबर को चार्जशीट दायर कर दिया.
क्या है मामला
यह मामला बीएस सिटी थाना कांड संख्या 125/16 के तहत दर्ज है. घटना की प्राथमिकी बोकारो व्यवहार न्यायालय से जुड़ी एक महिला अधिवक्ता द्वारा गत 15 जुलाई को दर्ज करायी गयी है. मामले में धनबाद के महुदा निवासी मकबूल अंसारी को अभियुक्त बनाया गया है. महिला अधिवक्ता के आवेदन पर यह मामला छेड़खानी की धारा 354 डी के तहत दर्ज किया गया है. पुलिस ने इस मामले में मकबूल अंसारी को गिरफ्तार कर पूर्व में ही जेल भेज दिया था. जो फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर है. महिला अधिवक्ता ने अभियुक्त पर मोबाइल फोन का उपयोग कर अश्लील बात करने व मोबाइल पर अश्लील सामग्री भेजने का आरोप लगाया है.
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