बोकारो : सेक्टर पांच स्थित आइएमए हॉल में केयर इंडिया की ओर से आइएमए चास के तत्वावधान में शनिवार की देर रात कार्यशाला हुई. उद्घाटन मुख्य अतिथि डीटीओ डॉ बीपी गुप्ता, आइएमए चास अध्यक्ष डॉ मनोज श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष डॉ बीके पंकज ने संयुक्त रूप से किया. मुख्य अतिथि डॉ गुप्ता ने कहा : यक्ष्मा […]
बोकारो : सेक्टर पांच स्थित आइएमए हॉल में केयर इंडिया की ओर से आइएमए चास के तत्वावधान में शनिवार की देर रात कार्यशाला हुई. उद्घाटन मुख्य अतिथि डीटीओ डॉ बीपी गुप्ता, आइएमए चास अध्यक्ष डॉ मनोज श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष डॉ बीके पंकज ने संयुक्त रूप से किया. मुख्य अतिथि डॉ गुप्ता ने कहा : यक्ष्मा को लेकर आमलोगों में आज भी कई भ्रांतियां फैली हुई है. आइएमए चास अध्यक्ष डॉ श्रीवास्तव ने कहा : सामान्य स्वास्थ्य सेवा में यक्ष्मा को शामिल किया गया है.
पुनरीक्षित राष्ट्रीय यक्ष्मा नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) 1997 में शुरू हुआ. पूर्व अध्यक्ष डॉ पंकज ने कहा : यक्ष्मा ‘माइकोबैक्ट्रीयम टयूबक्यूलेसिस’ नामक बैक्टीरिया के कारण फैलता है. यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है. यक्ष्मा होने पर डाट्स सेंटर पर मरीज को मुफ्त दवा मिलती है. मरीजों को चिकित्सकों के सलाह के अनुसार दवा का उपयोग करना चाहिए.
हर तीन मिनट में होती है दो यक्ष्मा रोगी की मौत : आइएमए चास सचिव डॉ अवनिश श्रीवास्तव व कोषाध्यक्ष डॉ संगीत कुमार के कहा : देश में प्रतिदिन लगभग 30 हजार से अधिक व्यक्ति टीबी किटाणु से संक्रमित होते हैं. एक हजार से अधिक की मौत टीबी से होती है. हर तीन मिनट में दो व्यक्ति की मौत इससे होती है. देश में हर वर्ष 12 लाख टीबी के नये रोगी बनते हैं. लगभग पांच लाख रोगी की बलगम धनात्मक होती है. लगभग डेढ़ लाख बच्चे स्कूल छोड देते हैं, क्योंकि उनके माता-पिता को टीबी की बीमारी होती है.
ये थे मौजूद : डॉ आरती शुक्ला, डॉ एके सिन्हा, डॉ अनुराग श्रीवास्तव, डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ सुधीर कुमार, डॉ विकास कुमार, डॉ कीर्तिवास, डॉ बीबी जयपुरियार, डॉ जाहिद अली सिद्दीकी, डॉ रतन केजरीवाल, डॉ अमन, डॉ निरंजन कुमार, डॉ बीके सिंह, डॉ अंजू परेरा, डॉ एलके ठाकुर, डॉ इरफान अंसारी, डॉ संजय कुमार, डॉ एचके मिश्रा, डॉ केके सिन्हा, डॉ आइडी राय, डॉ पंकज, डॉ सीएस प्रसाद सहित दर्जनों चिकित्सक मौजूद थे.