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ठगी के मुजरिमों को तीन साल सश्रम कारावास

बोकारो: प्रधान जिला न्यायाधीश संजय प्रसाद की अदालत ने रुपया तीन गुणा करने का झांसा देकर लोगों से ठगी करने के मामले में शुक्रवार को तीन मुजरिमों को तीन साल सश्रम कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास होगा. मुजरिमों […]

बोकारो: प्रधान जिला न्यायाधीश संजय प्रसाद की अदालत ने रुपया तीन गुणा करने का झांसा देकर लोगों से ठगी करने के मामले में शुक्रवार को तीन मुजरिमों को तीन साल सश्रम कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास होगा. मुजरिमों में हजारीबाग के थाना इचाक ग्राम बरांव निवासी झारखंड पुलिस के सिपाही पुलिस संख्या 536 अर्जुन प्रसाद मेहता, चास के राम नगर कॉलोनी निवासी शेर सिंह उर्फ राहुल कुमार व सेक्टर एक बी, आवास संख्या 314 निवासी बिजेंद्र सिंह उर्फ विजय कुमार शामिल हैं.

न्यायालय में यह मामला सेशन ट्रायल संख्या 26/13 व बीएस सिटी थाना कांड संख्या 218/09 के तहत चल रहा है. सरकार की तरफ से इस मामले में लोक अभियोजक प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने अदालत में साक्ष्य व गवाह पेश किया. घटना की प्राथमिकी सेक्टर 12 थाना के तत्कालीन इंस्पेक्टर राकेश मिंज ने दर्ज करायी थी. घटना 24 अगस्त 2009 की है.

क्या है मामला
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग गिरोह बनाकर नोट तीन गुणा करने का झांसा देकर स्थानीय लोगों से ठग रहे हैं. पुलिस ने ग्राहक बन कर गिरोह के एक सदस्य को फोन किया. उसे बताया गया कि 25 हजार रुपया को तीन गुणा करना है. ठग ने रुपये लेकर नया मोड़ बुलाया. सादे लिबास में पुलिस ग्राहक बन कर नया मोड़ स्थित पहलवान चाय दुकान पर पहुंची. कुछ देर के बाद ठग गिरोह का एक युवक आया और पुलिस कर्मी को को-ऑपरेटिव कॉलोनी के पास ले गया. मौके पर कुछ पुलिस कर्मी सादे लिबास में घेराबंदी किये हुए थे. गिरोह के दोनों सदस्यों अर्जुन प्रसाद मेहता व शेर सिंह को पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ कर पूछताछ की.
ऐसे होती थी ठगी
गिरोह के सदस्यों ने पुलिस को बताया : उनके साथ झारखंड पुलिस का सिपाही व तत्कालीन विधायक इजराइल अंसारी का हाउस गार्ड अर्जुन मेहता भी शामिल है. गिरोह के सदस्य लोगों से असली रुपया लेकर एक सदस्य को गारंटर के रूप में वहीं खड़ा रखते थे. दूसरा सदस्य रुपया लेकर नकली रुपया लाने की बात कहकर चला जाता था. कुछ ही देर में सिपाही वरदी में पुलिस लिखा हुआ बाइक से आता था और गारंटर बने गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार करने का नाटक कर अपने साथ लेकर चला जाता था. इसके बाद गिरोह के तीनों सदस्य आपस में रुपया बांट लेते थे. पुलिस ने इस मामले में उसी दिन सिपाही को नया मोड़ स्थित कैनरा बैंक के पास से गिरफ्तार किया था.

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