स्कूल से लौट रही
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अपहरण का प्रयास करने वाले को तीन वर्ष सश्रम कारावास
स्कूल से लौट रही छात्रा को उठाने का किया था प्रयास बोकारो : नाबालिग बालिका का अपहरण करने का प्रयास करने वाले नंदकिशोर भगत उर्फ नारायण भगत (30 वर्ष) को त्वरित न्यायालय द्वितीय के जिला न्यायाधीश रंजीत कुमार ने दोषी ठहराते हुए मंगलवार को तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. वह बीएसएल एलएच […]
छात्रा को उठाने का
किया था प्रयास
बोकारो : नाबालिग बालिका का अपहरण करने का प्रयास करने वाले नंदकिशोर भगत उर्फ नारायण भगत (30 वर्ष) को त्वरित न्यायालय द्वितीय के जिला न्यायाधीश रंजीत कुमार ने दोषी ठहराते हुए मंगलवार को तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. वह बीएसएल एलएच झोंपड़ी कॉलोनी, स्ट्रीट संख्या 04, आवास संख्या 104 का रहने वाला है.
न्यायालय में यह मामला सेशन ट्रायल संख्या 331/08 व बीएस सिटी थाना कांड संख्या 378/08 के तहत चल रहा था. घटना की प्राथमिकी कैंप दो निवासी नाबालिग बालिका के पिता ने दर्ज करायी थी. नंदकिशोर बालिका के पिता के निजी कार का चालक था. अदालत में इस मामले में साक्ष्य व गवाह विशेष लोक अभियोजक राकेश कुमार राय ने प्रस्तुत किया. यह घटना 03 अक्टूबर 2010 की है.
क्या है मामला
घटना के दिन बालिका सेक्टर एक बी स्थित अपने स्कूल से लौट रही थी. सेक्टर एक बी स्थित तालाब के निकट चालक नंद किशोर एक कार लेकर आया और बालिका के अपहरण करने का प्रयास किया. बालिका के शोर करने पर आस-पास के लोग दौड़े तो चालक भाग गया. रात में चालक ने बालिका के पिता के मोबाइल पर फोन किया और केस करने पर जान मार देने की धमकी दी. इस मामले में न्यायाधीश ने मुजरिम को भादवी की धारा 366ए व 511 (अपहरण का प्रयास) में दोषी पाते हुये तीन वर्ष सश्रम कारावास व दो हजार रुपये जुर्माना की सजा दी है. भादवि की धारा 354 (छेड़खानी) में दोषी पाते हुए दो वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपया जुर्माना व भादवि की धारा 506 में एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा दी है. जुर्माना नहीं देने पर मुजरिम को तीन-तीन माह अतिरिक्त साधारण कारावास होगा.
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