– 9000 एकड़ खाली जमीन विस्तार के लिए पर्याप्त
बोकारो : बोकारो स्टील प्लांट की उत्पादन क्षमता अभी छह मिलियन टन सालाना है. 2025 तक इसे 16 मिलियन टन करने का लक्ष्य है. इसके लिए सेल यहां 60 हजार करोड़ रुपये निवेश करेगा. पूरे देश में बोकारो ही एक ऐसा स्थान है, जहां स्टील उद्योग के विस्तार की काफी संभावना है.
यहां 9000 एकड़ जमीन है, जो स्टील उद्योग के विस्तार के लिए पर्याप्त है. इसके अलावा और सभी आधारभूत संरचना भी है. ये बातें सेल अध्यक्ष सीएस वर्मा ने रविवार को बोकारो में पत्रकारों से कही.
श्री वर्मा ने कहा : कहीं भी उद्योग लगाने व उद्योग के विस्तार में समस्या आती है. उस हिसाब से बोकारो में समस्या कम है. यहां स्टील उद्योग के लिए सभी तरह की व्यवस्था है. सेल प्रबंधन बोकारो के विकास के लिए कटिबद्ध है.
यहां सबसे अच्छी जमीन है. सेल का स्टील प्लांट है. आयरन ओर है. रॉ मैटेरियल व पानी है. यानी यहां स्टील उद्योग के विकास की सभी सुविधा है. इसलिए सेल की नजर बोकारो पर विशेष रूप से है.
आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण जारी : श्री वर्मा ने बताया : बीएसएल में आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण जारी है. कोक -ओवन में बैटरी नंबर 1 व 2 की मरम्मत की गयी है. ब्लास्ट फर्नेस-2 का री-कंस्ट्रक्शन किया जा रहा है. बीएसएल में नवनिर्मित सीआरएम-3 पूरे सेल के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
इससे मार्च 2014 तक इससे उत्पादन शुरू हो जायेगा. एसएमएस-1 अपग्रेड होगा. लगभग सभी कार्यो के लिए टेंडर निकाल दिया गया है. वर्ष 2014 में मार्च के बाद बीएसएल का उत्पादन व उत्पादकता बढ़ेगी.
बीएसएल में अत्याधुनिक स्टील का निर्माण होगा, जिससे मुनाफा बढ़ेगा. 2025 पर 300 मिलियन टन का हो जायेगा सेल : श्री वर्मा ने बताया : सेल फिलहाल 90 मिलियन टन का है. नयी सेल पॉलिसी 2025 तक सेल 300 मिलियन टन का हो जायेगा. इसके लिए 10 लाख करोड़ रुपया निवेश होगा. स्टील उत्पादन में पूरे विश्व में भारत फिलहाल चौथे पायदान है. इसमें स्टील का सबसे बड़ा उत्पादक सेल है.
2025 तक स्टील उत्पादन में सेल दूसरे पायदान पर होगा. श्री वर्मा ने चीन के स्टील उद्योग की चर्चा करते हुए बताया : भारत में स्टील उद्योग के विकास की अच्छी संभावना है. आने वाले समय में स्टील की डिमांड और बढ़ेगी.
छंट रहे हैं स्टील उद्योग पर छाये काले बादल : श्री वर्मा ने बताया : पूरे विश्व में स्टील उद्योग में दो वर्ष से काले बादल छाये हुए थे. इससे सेल भी प्रभावित हुआ. अब वह धीरे-धीरे कर छंट रहे हैं. स्टील की डिमांड बढ़ी है. उत्पादन भी बढ़ा है.
इस बीच बोकारो सहित सेल की कई इकाइयों में आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण का काम होता रहा. राउरकेला में अत्याधुनिक ब्लास्ट फर्नेस बना है, जिससे स्टील का उत्पादन बढ़ा है. इसके अलावा भिलाई, बर्नपुर में भी काम हुआ है. सेल ने आधारभूत संरचना पर भी विशेष ध्यान दिया. आने वाले समय में सेल का उत्पादन व उत्पादकता बढ़ेगी.
जमीन मिलते ही सिंदरी में पांच मिलियन टन का प्लांट (श्री वर्मा ने बताया) सिंदरी में सेल जमीन मिलते हीं पांच मिलियन टन का प्लांट लगायेगा. सिंदरी में यूरिया फर्टिलाइजर का कारखाना वर्षो से बंद है. सेल प्रबंधन ने स्ट्रर हटा कर लायबिलिटी से मुक्त जमीन की मांग की है. इसके लिए सेल प्रबंधन एडवांस में राशि देने को भी तैयार है. सरकार ने इस दिशा में पहल की है.
सरकार ने पहले कहा था : स्टील प्लांट लगाने के साथ-साथ फर्टिलाइजर कारखाना को भी चलायें. लेकिन, हम स्टील बनाते हैं, यूरिया नहीं. मामला सरकार के पास है.
25 जनवरी को वेज रिवीजन पर हो जायेगा समझौता : बीएसएल सहित सेल कर्मियों के 01.01.2012 से लंबित वेज रिवीजन के मुद्दे पर श्री वर्मा ने कहा : वेज रिवीजन पर यूनियन के साथ सहमति बन गयी है.
इसको लेकर 25 जनवरी को बैठक होने वाली है. उम्मीद है कि बैठक में वेज रिवीजन पर अंतिम रूप से समझौता हो जायेगा. सेल प्रबंधन का पूरा प्रयास है कि 31 मार्च के पहले रिवीजन पर सहमति के साथ-साथ उसका भुगतान भी कर दिया जाय. प्रबंधन वर्ष 2013 में हीं वेज रिवीजन के करने के पक्ष में था.