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बोकारो के लिए खास है बुद्ध पूर्णिमा

बुद्ध पूर्णिमा 21 को. बौद्ध धर्म के अनुयायियों की आस्था का केंद्र है बोकारो बौद्ध विहार बोकारो : 21 मई को बुद्ध पूर्णिमा है. बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए यह दिन खास होता है. बोकारो में इसकी प्रासंगिकता ज्यादा है, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अलावा सेक्टर 04/डी स्थित बोकारो बौद्ध विहार का निर्माण इसी दिन हुआ […]

बुद्ध पूर्णिमा 21 को. बौद्ध धर्म के अनुयायियों की आस्था का केंद्र है बोकारो बौद्ध विहार

बोकारो : 21 मई को बुद्ध पूर्णिमा है. बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए यह दिन खास होता है. बोकारो में इसकी प्रासंगिकता ज्यादा है, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अलावा सेक्टर 04/डी स्थित बोकारो बौद्ध विहार का निर्माण इसी दिन हुआ था. 21 मई को बौद्ध विहार का 40वां स्थापना दिवस व 2560वीं बुद्ध जयंती मनायी जायेगी. सेक्टर-4 डी स्थित बोकारो बौद्ध विहार बौद्ध धर्म के अनुयायियों का आस्था का केेंद्र है. वर्ष 1975 में बोकारो इस्पात प्रबंधन की ओर से बौद्ध विहार के लिए जमीन आवंटित की गयी थी. 1 एकड़ 60 डिसमिल फैले इस कैंपस की प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है.
चार भाग में बंटा है बौद्ध विहार : बौद्ध विहार चार भाग में बंटा है. पहले भाग में मंदिर परिसर, दूसरे भाग में भव्य व आकर्षक सभागृह है. भविष्य में इसके प्रथम तल पर पुस्तकालय और कार्यालय निर्माण की योजना है. तीसरे भाग में भिक्षु निवास है. चौथे भाग में पैगोड़ा है, जहां पेड़-पौधे और फूल लगाये गये हैं. सभागृह में एक साथ दर्जनों उपासक साधना कर सकते हैं. बौद्ध विहार परिसर में स्थित भगवान की मूर्ति थाइलैंड के मूर्तिकार भन्तेजी उदोन खुनबरो ने बनायी है.
गौतम बुद्ध की तीन मूर्तियां भगवान के दिये ज्ञान, प्रकृति व एकता की प्रतीक है. मूर्ति की कलात्मकता ऐसी है कि तीनों में अंतर कर पाना मुश्किल है.
बुद्ध विहार के 40वें स्थापना दिवस पर होगा कार्यक्रम, महात्मा बुद्ध की जयंती भी मनायी जायेगी
सुबह-शाम होती है पूजा
बौद्ध विहार में प्रतिदिन सुबह-शाम महात्मा बुद्ध की पूजा-अर्चना होती है. श्री शरण और पंचशील का पाठ होता है, इसमें दर्जनों श्रद्धालु शामिल होते हैं. विशेष रूप से रविवार को यहां बौद्ध अनुयायियों का जमावड़ा लगता है. उस दिन यहां विशेष पूजा-अर्चना के साथ-साथ प्रबंध कमेटी की बैठक भी होती है.
मनोहारी है अंदर का नजारा
बुद्ध विहार के अंदर प्रवेश करते ही मानसिक शांति मिलती है. कैंपस में सागवान, शीशम, अशोक, आम सहित दर्जनों पेड़ हैं. पीपल के पेड़ के नीचे स्थापित महात्मा बुद्ध की तीन प्रतिमा आकर्षण का केेंद्र है. कैंपस के लगे पेड़-पौधे मनोहारी छटा बिखरते हैं. खासकर, सुनियोजित तरीके से लगाये गये अशोक के पेड़. परिसर में 30 से अधिक अशोक के वृक्ष हैं.
धीरे-धीरे बन रहा है कैंपस
बुद्ध विहार कैंपस का निर्माण धीरे-धीरे हो रहा है. कमेटी के सदस्यों ने बताया : सदस्यों के आपसी सहयोग से ही कैंपस में निर्माण कार्य चल रहा है. पहले सदस्यों की संख्या कम थी. अब संख्या बढ़ रही है. फिलहाल, लगभग 200 लोग सक्रिय रूप से जुड़े हैं. सदस्यों की संख्या बढ़ने के साथ ही निर्माण कार्य में तेजी आयी है.
ये निभा रहे हैं सराहनीय भूमिका
बौद्ध विहार के विकास में प्रबंध कमेटी के चेयरमैन लामा श्रीनारायण सिंह, उपाध्यक्ष सोमेन बरुआ, सचिव शीला बंधु, सहायक सचिव केपी रजक, कोषाध्यक्ष एसके पंचभाई के अलावा कार्यकारिणी समिति के आरपी सिन्हा, भीएन मेहता, मंजू साह, लल्लू राम, एसके चौधरी, योगेंद्र प्रसाद रजक, संजय शान आदि.
बुद्ध पूर्णिमा समारोह की तैयारी
21 मई को बौद्ध विहार सेक्टर 4डी के प्रांगण में महात्मा बुद्ध की 2560वीं जयंती व बुद्ध विहार का 40वांं वार्षिकोत्सव समारोह पूर्वक मनाया जायेगा. मुख्य आकर्षण बुद्ध चित्र प्रदर्शनी, बौद्ध विद्वान व भिक्षुओं का भाषण, सांस्कृतिक कार्यक्रम (बुद्ध एकांकी, नृत्य, कविता, संगीत) व सामूहिक भंडारा होगा. इसकी तैयारी चल रही है.
कई तरह के कार्यक्रम होंगे
21 मई को सुबह छह बजे से धम्म यात्रा, 10 बजे से 12 बजे के बीच बुद्ध पूजा व वंदना, 12 से एक के बीच संगोष्ठी, एक से ढाई बजे के बीच भंडारा, चार से पांच के बीच दीक्षा समारोह, पांच से सात के बीच धम्म सभा और शाम सात से रात्रि नौ बजे के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा. आयोजन को सफल बनाने में बुद्ध विहार की कार्यकारिणी समिति जुटी हैं.
प्रकृति का ज्ञान देने के लिए प्रतियोगिता
प्रकृति का ज्ञान देने के लिए चार मई को कई तरह की प्रतियोगिता होगी. बच्चों को बीज ज्ञान देने के लिए बीज चयन व पहचान प्रतियोगिता होगी. खान-पान में हो रहे बदलाव की परेशानी को खत्म करने के लिए सब्जी पहचानो प्रतियोगिता होगी. इससे बच्चों में हरी सब्जी के प्रति जागरूकता को बढ़ायी जा सके. प्राकृतिक से मानवीय जुड़ाव के लिए कई अन्य प्रतियोगिता होगी.
ग्रामीण इलाका से गुजरेगी धम्म यात्रा
चास स्थित सगुन मंडप से धम्म यात्रा निकलेगी, जो शहर के प्रमुख चौक- चौराहों से होते हुए सेक्टर- 04 स्थित बुद्ध विहार पहुंचेगा. इस बार धम्म यात्रा की मूर्ति थ्री डाइमेंशनल होगी. इसे किसी भी दिशा से देखने पर भगवान बुद्ध की मूर्ति सामने की तरफ ही प्रतीत होगी. मूर्ति की ऊंचाई सात फुट होगी. इस बार यात्रा रूट में बसंती मोड़-09, सेक्टर 08, सेक्टर 12 को शामिल किया गया है.

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