चास कॉलेज में मोबाइल रेडिएशन के दुष्प्रभाव पर आयोजित कार्यशाला का समापन
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लगातार 20 मिनट से ज्यादा मोबाइल का उपयोग खतरनाक : डॉ. अजय
चास कॉलेज में मोबाइल रेडिएशन के दुष्प्रभाव पर आयोजित कार्यशाला का समापन पिंड्राजोरा : मोबाइल रेडिएशन के दुष्प्रभाव विषय पर चास महाविद्यालय चास में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन रविवार हुआ. वक्ताओं ने कहा कि मोबाइल और टावर से निकलने वाले रेडिएशन का खतरा केवल मानव जीवन पर ही नहीं है, पशु-पक्षी व पेड़-पौधे […]
पिंड्राजोरा : मोबाइल रेडिएशन के दुष्प्रभाव विषय पर चास महाविद्यालय चास में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन रविवार हुआ. वक्ताओं ने कहा कि मोबाइल और टावर से निकलने वाले रेडिएशन का खतरा केवल मानव जीवन पर ही नहीं है, पशु-पक्षी व पेड़-पौधे भी प्रभावित हैं. आआइटी बांबे के प्रोफेसर डॉ. गिरिश कुमार ने कहा कि विभिन्न शोधों में पाया गया है कि कैंसर, ब्रेन, ट्यूमर, कान के ट्यूमर, बांझपन, हृदय रोग, तनाव,
नपुंसकता आदि रोगों के बढ़ने का एक प्रमुख कारण मोबाइल रेडिएशन है. इससे बचने का एकमात्र उपाय है मोबाइल का कम उपयोग.विनोबा भावे विश्व विद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ. अजय मुरारी ने कहा कि 24 घंटा में मोबाइल का मानक उपयोग 20 मिनट है. इससे ज्यादा उपयोग बीमारियों को आमंत्रण देना है.
लेकिन सबसे ज्यादा युवा वर्ग मोबाइल पर समय देते हैं. इससे बचना होगा. कार्यक्रम का संचालन प्रो. पीएल वर्णवाल ने किया. मौके पर प्रो. वीसी एमपी सिन्हा, बिहार विश्व विद्यालय मुजफ्फरपुर के प्रो. एलएन शुक्ला, प्राचार्य एसके सिंह, डॉ. रघुवर सिंह, डॉ. पीसी ठाकुर, डॉ. केएन झा, प्रो. श्रीकांत सिन्हा, प्रो. बामदेव शर्मा, डॉ. एसएन पांडेय, डॉ. केपी सिन्हा, डॉ. केके सिंह, डॉ. आनंद मोहन प्रसाद, भवनाथ चौधरी, बीएड कॉलेज के प्रो. किशोर कुमार त्रिवेदी, समरेश झा,
प्रो. मुकेश कुमार त्रिवेदी, शिव कुमार दांगी, अमित उपाध्याय, जिप सदस्य विजय रजवार, अवधेश सिंह, नीलकमल महतो, अभय कांत झा, उपेन पांडेय, झारखंड माहथा, पिंटू गोप, अनिल महतो, करम चांद महतो, मंगल महली के अलावा शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मी, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
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