बोकारो: रिटायरमेंट से पहले सेल अधिकारियों को लीव इनकेशमेंट के एवज में मिलने वाली राशि घटा दी गयी है. इससे संबंधित सकरुलर सेल ने गुरुवार को निकाल दिया है. सकरुलर निकलने के बाद बीएलएस ही नहीं सेल के सभी संयंत्रों में अधिकारी अपने एसोसिएशन पर दबाव बना रहे हैं कि वो सेफी में मामले को उठायें. इससे पहले रिटायरमेंट के वक्त 420 दिन या 14 महीने का लीव इनकैशमेंट मिलता था.
पर अब सिर्फ 300 दिन यानी 10 महीने का लीव इनकैशमेंट मिलेगा. अगर किसी अधिकारी के पास 80 इएल (अर्न लीव) और 240 एचपीएल (हाफ पे लीव) है तो कुल मिला कर 320 दिन हो जाता है. सेल के सकरुलर के मुताबिक अब ऐसी स्थिति में एचपीएल घट कर 220 हो जायेगी यानी कुल मिला कर 300 दिन.
दूसरे लोक उपक्रम में पहले से है यह नियम
केंद्र सरकार की तरफ से कैग की ऑडिट के बाद यह नियम दूसरे लोक उपक्रमों में लागू किया जा चुका है. एनटीपीसी, भेल जैसे उपक्रमों में इसी महीने से यह नियम लागू हुआ है. सरकार की तरफ से जुलाई से ही यह नियम लागू किये जाने के लिए उपक्रमों पर दबाव बनाया जा रहा था. पर सेल में सकरुलर दिसंबर में निकाला गया. इससे जुलाई से लेकर दिसंबर तक रिटायर करने वाले सेल कर्मियों को फायदा मिला. सकरुलर निकलने के बाद से बीएसएल में अधिकारियों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है. बीएसओए के सदस्य अध्यक्ष पर सेफी में इस बात को उठाने का पूरा दबाव बना रहे हैं.
फिलहाल, 30 इएल हर साल मिलता है. डीपीइ के आदेशानुसार नया सकरुलर निकाला गया है. सेफी और दूसरे मंच पर बीएसओए के अध्यक्ष होने के नाते मैं पूरा दबाव बनाऊंगा कि साल में तीन बार 30-30 करके इएल इनकैशमेंट करने की सुविधा उपलब्ध करायी जाये. इससे अधिकारियों को रिटायरमेंट के वक्त काफी राहत मिलेगी.
एके सिंह, अध्यक्ष, बीएसओए