बोकारो : वह दिन दूर नहीं, जब वाहन को बोकारो का स्टील मजबूती देगा. बोकारो स्टील प्लांट ऑटोमोटिव स्टील उत्पादन के क्षेत्र में धमाकेदार इंट्री लेने जा रहा है. 2016 में प्लांट के नवनिर्मित सीआरएम-3 से उत्पादन शुरू हो जायेगा. सीआरएम-3 से उत्पादित ऑटोमोटिव स्टील की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी.
बीएसएल ऑटोमोटिव स्टील का उत्पादन करने वाला सार्वजनिक क्षेत्र का पहला उपक्रम होगा. ऑटोमोटिव स्टील कार की बाहरी ढांचा को मजबूती देने के लिए निर्माता कंपनियों की पहली पसंद है.
विदेश से होती है आपूर्ति : वैसे तो ऑटोमोटिव स्टील का थोड़ा-बहुत उत्पादन अभी निजी इस्पात उपक्रम की ओर से किया जा रहा है. लेकिन, ऑटोमोटिव स्टील की डिमांड को देखते हुए आपूर्ति अभी विदेशों से हीं हो रही है. बीएसएल में उत्पादन शुरू होने के बाद मांग का बड़ा हिस्सा बोकारो देने लगेगा.
इससे देश स्तर पर ऑटोमोटिव स्टील की पूर्ति संभव होगी. इससे बीएसएल सहित देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. मंदी के दौर में भी ऑटोमोटिव स्टील की कीमत बढती हीं जाती है, जबकि सामान्य स्टील की कीमत में उतार-चढाव जारी रहता है.
बोकारो में हुआ था अंतरराष्ट्रीय सेमिनार : 11-12 दिसंबर को ऑटोमोटिव स्टील परअंतरराष्ट्रीय सेमिनार बीएसएल व इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मेटल्स (आइआइएम) बोकारो चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में सेल-आरडीसीआइएस के सहयोग से हुआ था.
उद्घाटन सेल निदेशक (तकनीकी) एसएस महान्ती ने किया था. बीएसएल के सीईओ अनुतोष मैत्रा, पीजीएस कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी कोयम्बतूर में मेटलर्जी विभाग के प्रोफेसर डॉ वी रामास्वामी, आइआइएम बोकारो चैप्टर के अध्यक्ष व बीएसएल के अधिशासी निदेशक (संकार्य) ए बंदोपाध्याय, अधिशासी निदेशक (आरडीसीआइएस) डॉ बीके झा, आइआइटी कानपुर के भूतपूर्व प्रोफेसर डॉ आरके राय सहित देश-विदेश के उद्योग, शैक्षणिक व शोध संस्थानों, कन्सल्टेन्ट्स सहित 120 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए थे.