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विवाहिता की हत्या में युवक को सात वर्ष सश्रम कारावास

बोकारो. स्थानीय न्यायालय के प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश एलपी चौबे की अदालत ने पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के ग्राम काशी झरिया निवासी विवाहिता ललिता देवी (28 वर्ष) की हत्या के मामले में एक मुजरिम को दोषी पाते हुए सात वर्ष सश्रम कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा दी है. सजा पाये मुजरिम […]

बोकारो. स्थानीय न्यायालय के प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश एलपी चौबे की अदालत ने पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के ग्राम काशी झरिया निवासी विवाहिता ललिता देवी (28 वर्ष) की हत्या के मामले में एक मुजरिम को दोषी पाते हुए सात वर्ष सश्रम कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा दी है. सजा पाये मुजरिम पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के ग्राम काशी झरिया, टोला नापित झरिया निवासी कमल प्रमाणिक उर्फ कमल छोटानागपुरिया (32 वर्ष) है.

न्यायालय में यह मामला सेशन ट्रायल संख्या 20/15 व पिंड्राजोरा थाना कांड संख्या 56/14 के तहत चल रहा था. सरकार की तरफ से इस मामले में अपर लोक अभियोजक प्रदीप कुमार वर्मा ने पक्ष रखा.

क्या है मामला : यह घटना तीन अक्तूबर 2014 की है. प्राथमिकी मृतका ललिता देवी के पति करमचंद्र गोराई ने दर्ज करायी थी. मामला दर्ज कराते हुए करमचंद्र गोराई ने बताया : वह घटना की रात दुर्गापूजा का मेला देखने गांव से बाहर गया था. रात 10 बजे जब लौटा तो घर का दरवाजा भीतर से बंद था. काफी खटखटाने के बाद पत्नी ललिता देवी ने देर से दरवाजा खोला. करमचंद्र जब घर के भीतर गया तो एक व्यक्ति कमरा के अंदर चौकी के नीचे छुपा हुआ दिखाई दिया. करमचंद्र ने अपनी पत्नी ललिता से पूछा कि चौकी के अंदर कौन है. पत्नी ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बताया कि उसे मालूम नहीं है.

पकड़े जाने की बात सुन कर अचानक कमल प्रमाणिक चौकी के अंदर से डंडा लेकर निकला और करमचंद्र गोराई पर अचानक हमला कर दिया. बचने के लिए करमचंद्र दूसरी तरफ हटा तो पीछे खड़ी उसकी पत्नी ललिता देवी के सिर पर डंडा लग गया. सिर फटने से लहुलूहान होकर ललिता देवी घर में गिर गयी. इसी बीच करमचंद्र घर में रखा दूसरा डंडा उठा कर कमल को दो डंडा मारा. इसी बीच मौका पाकर कमल प्रमाणिक घर से भाग गया. करमचंद्र की जख्मी पत्नी की मौत घर में ही हो गयी.

घटना की प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने छापामारी कर कमल प्रमाणिक के घर से हमला करने वाला डंडा बरामद किया था. न्यायाधीश ने इस मामले में मुजरिम को भादवि की धारा 304 भाग एक में सात वर्ष सश्रम कारावास व 10 हजार रुपया जुर्माना की सजा दी है. जुर्माना नहीं देने की सूरत में मुजरिम को तीन माह अतिरिक्त सश्रम कारावास होगी.

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