बोकारो: स्टील आथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की ओर से विपणन पर जोर देने के परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में कुल इस्पात बिक्री ने 30. 15 लाख टन के स्तर पर 15 प्रतिशत बढ़त दर्ज की.
पिछले वर्ष की इसी तिमाही में कुल बिक्री 26.16 लाख टन थी. बाजार मंदी और देश में इस्पात खपत में कोई बढ़ोत्तरी न होने के बावजूद कंपनी के विक्रय कारोबार ने वित्त वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में 12,802 करोड़ के स्तर पर, सात प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. विक्रय कारोबार में यह वृद्धि और भी अधिक होती यदि बाजार में मंदी नहीं होती.
इस कारण वित्त वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में शुद्ध बिक्री वसूली (एनएसआर) में छह प्रतिशत की गिरावट आयी. दूसरी तिमाही में विक्रेय इस्पात का उत्पादन 32. 6 लाख टन के स्तर पर विगत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में तीन प्रतिशत अधिक था. दूसरी तिमाही में मूल्य वर्धित इस्पात का उत्पादन 13. 3 लाख टन था. इसमें वर्ष दर वर्ष आधार पर 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई. सेल के जुलाई-सितंबर2013 तिमाही के अनअंकेक्षित वित्तीय परिणामों को कंपनी के निदेशक मंडल ने आज रिकार्ड में लिया. कंपनी का वित्त वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में कर उपरांत लाभ 1180 करोड़ है, जो कि विगत वर्ष की इसी अवधि के 543 करोड से 117 प्रतिशत अधिक है.
पहली छमाही में कर उपरांत लाभ 1631 करोड़ : चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कर उपरांत लाभ 1631 करोड़ है, जो कि विगत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक है. लागत कम करने के प्रयासों के परिणामस्वरूप, उधार लेने की औसत दर में कमी आयी, जो अप्रैल-सितंबर, 2013 में 5.84 प्रतिशत थी, जबकि विगत वर्ष की इसी अवधि में यह 6.14 प्रतिशत थी. पहली छमाही में कंपनी का निवल-मूल्य 31.03. 13 के 41,025 करोड़ के स्तर से बढ़कर 30 सितंबर 2013 को 42,657 करोड़ हो गया.