बोकारो: दीपावली में अपने घर को चमकता और साफ-सुधरा देखना हर किसी का सपना होता है. लेकिन बढ़ती महंगाई में एक मध्यम वर्गीय परिवार अपने घर का रंग-रोगन कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है. इस वर्ष रंग-रोगन की हर चीजों की कीमत में 20 से 40 फीसदी तक की वृद्धि हुई है. रंगाई-पुताई करनेवाले मजदूरों का रेट भी बढ़ गया है.
पहले जहां 250-275 रु पये में मजदूर मिल जाते थे, इस बार मजदूर 300-350 रु पये में मिल रहे हैं. ठेके पर काम करनेवाले मजदूर अधिक कीमत मांगते हैं. पिछले वर्ष 1000 वर्गफीट के मकान की मजदूरी 20 हजार थी. इस बार 25 हजार है. बाइपास रोड चास के दुकानदार सुबोध कुमार ने बताया कि महंगाई का असर सिर्फआम जनता पर ही नहीं पड़ा है.
उसके साथ आम दुकानदार भी प्रभावित हैं. पहले काफी संख्या में लोग रंग रोगन के लिए दुकान पर आते थे. अब तो हालत यह है कि ग्राहक दुकान में आते हैं और सामान के दाम पूछ कर चले जाते हैं.