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बदलते समय में डॉ कश्यप ने दी पुत्रों को राह चुनने की आजादी

बोकारो: नाम डॉ पीएस कश्यप. उम्र लगभग 67 वर्ष. चेहरे पर सेवा भावना का तेज लिये हर सुबह पडोसी चिकित्सक दोस्त डॉ अर्जुन प्रसाद के यहां पहुंच जाते हैं. जानकारी लेते हैं कि आज कहीं चिकित्सा शिविर तो नहीं लगायी जा रही है. ललक शिविर के माध्यम से जनसेवा करने की. डॉ कश्यप बोकारो के […]

बोकारो: नाम डॉ पीएस कश्यप. उम्र लगभग 67 वर्ष. चेहरे पर सेवा भावना का तेज लिये हर सुबह पडोसी चिकित्सक दोस्त डॉ अर्जुन प्रसाद के यहां पहुंच जाते हैं. जानकारी लेते हैं कि आज कहीं चिकित्सा शिविर तो नहीं लगायी जा रही है. ललक शिविर के माध्यम से जनसेवा करने की. डॉ कश्यप बोकारो के चर्चित इएनटी (आंख, नाक व गला) स्पेशलिस्ट हैं. लांयस क्लब के माध्यम से लोगों को लगातार अपनी विशेषज्ञता का लाभ दे रहे हैं.
दोनों पुत्र प्रतिष्ठित निजी कंपनी में पदस्थापित : 28 साल सरकारी स्वास्थ्य सेवा में गुजार दिये. इस दौरान 10 से 12 बार ट्रांसफर-पोस्टिंग हुई. किसी भी जगह पर सेवा देने को लेकर पूरी तरह संतुष्ट नहीं हुए. सेवाकाल के दौरान अपनी विशेषज्ञता का पूरा-पूरा लाभ आम लोगों को नहीं दे पाने का मलाल आज भी डॉ कश्यप को है. डॉ कश्यप आज की स्वास्थ्य व्यवस्था से कुछ ज्यादा खुश नहीं हैं. यही कारण है कि अपने दो पुत्रों को स्वतंत्र छोड़ दिया. पुत्र ने पिता की स्थिति देखी, तो अलग राह ही चुन ली. बड़ा पुत्र मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की, तो छोटे पुत्र अभियंता बन गये. आज दोनों पुत्र दिल्ली व नोएडा की प्रतिष्ठित कंपनी में पदस्थापित हैं. पिता डॉ कश्यप भी काफी खुश हैं.
कम समय में उपलब्धि भी जरूरी : डॉ कश्यप
डॉ कश्यप ने प्रभात खबर से कहा : समय के साथ हर पेशे में ह्रास हुआ है. चिकित्सा सेवा 24 घंटे समाज को समर्पित सेवा है. मेरे पुत्रों ने देखा कि सेवा काल के दौरान मैं एक जगह स्थिर नहीं रहा. इसका असर बच्चों की शिक्षा पर भी पड़ा. बच्चे बड़े हुए, तो मैंने भी स्वतंत्र छोड़ दिया. चिकित्सा सेवा में जाने की बात पूछने पर पुत्रों ने एक स्वर में कहा कि चिकित्सा सेवा प्रतिष्ठित सेवा है. आप समय के साथ चलें. समय बदला आज प्रतिष्ठा के साथ-साथ उपलब्धि भी जरूरी है. बच्चों ने अलग राह पकड़ ली. आज उनके पास सबकुछ है.
प्रोफाइल
नाम : डॉ पीएस कश्यप
शैक्षणिक स्थिति : हायर सेकेंडरी (1962) : मॉडल हाई स्कूल मुंगेर (बिहार), इंटरमीडिएट (1964) : आरडीएम डीजे कॉलेज, मुंगेर (बिहार), एमबीबीएस (1969) : रांची मेडिकल कॉलेज, रांची (बिहार), इएनटी (1976): डीएमसीएच, दरभंगा (बिहार).
प्रथम पोस्टिंग : बीएमओ (ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर-1972) ठेठईटांगर पीएचसी, रांची, बिहार
अंतिम पोस्टिंग : प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (नवंबर 2000) से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त
वर्तमान स्थिति : समाज सेवा (लायंस क्लब व अन्य स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से)
विवाह : वीणा कश्यप (1972)
पुत्र (दो) : मनीष कश्यप (मैनेजमेंट कोर्स, दिल्ली में पदस्थापित), अभिषेक कश्यप (अभियंता, नोएडा दिल्ली में पदस्थापित)

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