बोकारो : शिक्षा की राजधानी बोकारो में एक नया आयाम जुड़ गया है, जो संपूर्ण बिहार व झारखंड के लिए कल्याणकारी होगा. बुधवार को चिन्मय विद्यालय सेक्टर पांच के समीप ही चिन्मय विद्यालय फेज दो व चिन्मय खेल वाटिका का लोकापर्ण चिन्मय विश्व प्रमुख स्वामी तेजोमयानंद ने किया. कहा : भारत के सांस्कृतिक, आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक व आध्यात्मिक विकास में ऋषियों का ही योगदान रहा है. शैक्षणिक कार्यक्रम की शुरुआत ऋषियों का आह्वान कर करें.
सत, रज व तम की रोचक व्याख्या : गीता ज्ञान के तीसरे दिन स्वामी तेजोमयानंद महाराज ने सत, रज, तम तीनों गुणों के स्वभाव, मनुष्य पर इसके प्रभाव की रोचक व्याख्या की. स्वामी जी ने कहा : तीनों गुण प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं. आत्मा को देह से बांध देते हैं. इस कारण वह जीव भाव का प्राप्त होकर जन्म व मरण के अविरल चक्र व संसार के दुखों में फंस जाते हैं. किसी वस्तु के लक्षणों का वर्णन किये बिना उसे परिभाषित नहीं किया जा सकता है. इन तीनों गुणों के कारण विभिन्न व्यक्तियों में दिव्यता की अभिव्यक्ति में भी तारतम्य होता है.