बोकारो : डाक बम सेवा समिति चास-बोकारो 33 वर्ष से बाबा भोले की नगरी देवघर जा रही है. समिति के बैनर तले प्रतिवर्ष 450 से अधिक कांवरिया सावन में भगवान शंकर पर जल चढ़ाते हैं. इसमें चास-बोकारो के युवक शामिल होते हैं. समिति का दावा है कि यह भारत देश का सबसे बड़ा डाक बम समूह है.
समिति की यह 33वीं गौरवपूर्ण यात्र होगी. इस बार 516 डाक बम आठ अगस्त को बाबा नगरी के लिए रवाना होंगे. डाक बम के निबंधन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. उद्घाटन समारोह की तैयारी लगभग पूरी हो गयी है. आठ अगस्त को कांवरिया को विदा करने के लिए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आ रहे है. वह समिति के संरक्षक भी है.
इसके अलावा समारोह में भू-राजस्व मंत्री अमर बाउरी, धनबाद सांसद पीएन सिंह, गिरिडीह सांसद रवींद्र पांडे, सिल्ली विधायक अमित महतो, बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो व जिप अध्यक्ष मिहिर सिंह चौधरी उपस्थित रहेंगे. शोभा यात्र श्री हनुमान मंदिर-योधाडीह मोड़-चास से निकल की मेन रोड चास, चेक पोस्ट होते हुए राम मंदिर, सेक्टर चार सिटी सेंटर स्थित नटखट स्वीट तक जायेगी.
डाक बम के लिए 11 बस की बुकिंग
डाक बम के लिए 11 बस की बुकिंग हो चुकी है. लगभग 40 चारपहिया वाहन इनकी सेवा के लिए प्रस्थान करेगी. सुल्तानगंज से देवघर के बीच 15 सेवा शिविर लगाये जायेंगे. पूरे रास्ते पेट्रोलिंग सेवा भी दी जायेगी.
सेवा दल की संख्या 114 है. सेवा कैंप के लिए देहरादुन से मिठाई, जयपुर से सोनपापड़ी व कोलकाता से रसगुल्ला आया है. ड्रेस पंजाब से आया है, जो हल्का हरा व पीला है. समिति की ओर से डाक बम को न्यूनतम शुल्क पर ड्रेस, गमछा, सुल्तानगंज जाने और वहां होटल में ठहरने की सुविधा मुहैया करायी जाती है.
प्रत्येक वर्ष डाक बम का अलग ड्रेस
डाक बम प्रत्येक वर्ष अलग-अलग रंग का ड्रेस पहन कर देवघर जाते हैं. कारण, बम की आसानी से पहचान हो सके. अभी तक डाक बम फ्लोरेंस ग्रीन, ब्लू, पींक, लाइट ब्लू, पीला, डार्क ब्लू, ग्रीन, मैरून, बैंगनी आदि रंग का ड्रेस पहन कर देवघर जा चुके हैं.
वर्ष 1983 में अनिल राय ने सबसे पहले भोला बाबा पर जलाभिषेक कर डाक बम की की शुरुआत की थी. अगले वर्ष श्री राय के साथ चार लोग और जुड़े-अजय राय, मनोज पटवारी, संजय सिंह व टिंकु तपड़िया. फिर समिति बनी. संख्या 42 तक पहुंची. साल-दर-साल इजाफा होता चला गया.
1995 में बढ़ी डाक बम की संख्या
वर्ष 1992, 93 और 94 में बम की संख्या 87 पर ही सिमट गयी. समिति ने सुल्तानगंज में जल संकल्प करते हुए बाबा से शतकीय पारी खेलने का अनुरोध किया. 1995 में डाक बम की संख्या आश्चर्यजनक रूप से 212 हो गयी.
तब से प्रतिवर्ष समिति के बैनर तले 350 से 450 डाक बम देवघर में जलाभिषेक करते हैं. वर्ष 2001 में 456 डाक बम हरे रंग की ड्रेस में भोले की नगरी पहुंचे और जलाभिषेक किया. उस समय समिति से पूछा गया कि हरे रंग का ड्रेस क्यों. इस पर समिति का जवाब था कि इस वर्ष डाक बम बाबा के लिए झारखंडी रंग लेकर आये हैं.