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आठ सूद के साथ दावा भुगतान करे बीमा कंपनी
बोकारो : जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष गौतम महापात्र ने वाहन दुर्घटना बीमा से संबंधित एक मामले का फैसला सुनाते हुए रॉयल सुंदरम एलियांज इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को उपभोक्ता का दुर्घटना बीमा दावा राशि 41 हजार 412 रुपये भुगतान करने का आदेश दिया है. उक्त राशि के साथ कंपनी को आठ प्रतिशत सालाना ब्याज भी […]
बोकारो : जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष गौतम महापात्र ने वाहन दुर्घटना बीमा से संबंधित एक मामले का फैसला सुनाते हुए रॉयल सुंदरम एलियांज इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को उपभोक्ता का दुर्घटना बीमा दावा राशि 41 हजार 412 रुपये भुगतान करने का आदेश दिया है.
उक्त राशि के साथ कंपनी को आठ प्रतिशत सालाना ब्याज भी देना होगा. ब्याज की राशि सात नवंबर 2011 से भुगतान की तिथि तक निर्धारित की जायेगी. 45 दिन तक अगर बीमा कंपनी उक्त राशि का भुगतान नहीं करेगी, तो ब्याज दर बढ़ कर 12 प्रतिशत हो जायेगा.
वैद्यता अवधि के दौरान दावा का भुगतान नहीं किया : फोरम में यह मामला सेक्टर 12 एफ, आवास संख्या 1186 निवासी नियामुलहक ने सीसी केस संख्या 03/14 तहत दर्ज कराया था. फैसला गत 14 जुलाई को सुनाया गया है.
मामले में रॉयल सुंदरम एलियांज इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड चेन्नई के प्रबंध निदेशक, कोलकाता के रिजनल मैनेजर व अन्य को विपक्षी पार्टी बनाया गया था. सूचक ने अपनी जायलो वाहन (जेएच09एम-7498) का इंश्योरेंस रॉयल सुंदरम एलियांस इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में कराया था. इंश्योरेंस की वैधता अवधि 29 जनवरी 2013 से 28 जनवरी 2014 तक थी. इंश्योरेंस की वैधता अवधि में दो सितंबर 2013 को वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो गया.
दुर्घटना में वाहन के पीछे साइड की डिक्की, बंपर, आगे की हेड लाइट आदि क्षतिग्रस्त हो गयी. घटना की सूचना एक सप्ताह बाद वाहन मालिक ने इंश्योरेंस कंपनी को दी. इंश्योरेंस कंपनी ने वाहन मालिक से कहा कि आप अपना पैसा लगा कर वाहन बना लें, इसके बाद क्लेम करें. क्लेम राशि का भुगतान कर दिया जायेगा.
वाहन मालिक ने 37 हजार 428 रुपया खर्च कर अपना जायलो वाहन धनबाद से बनवाया. इसके बाद जब वह भुगतान के लिए कंपनी कार्यालय गये, तो कंपनी ने देर से सूचना देने का हवाला देकर दावा राशि का भुगतान करने से इनकार कर दिया. फोरम में सुनवाई के दौरान इंश्योरेंस कंपनी ने बताया कि बीमा राशि का दावा वाहन मालिक ने नियम अनुकूल नहीं किया था.
इसी कारण क्लेम देने से इनकार किया गया है. क्लेम लेने के लिए घटना के 24 घंटे के अंदर इंश्योरेंस कंपनी को सूचना देनी है. फोरम ने दोनों पक्षों की बात सुनने के उपरांत बीमा कंपनी की सेवा में कमी पायी.
फोरम के अध्यक्ष ने कहा : दुर्घटना बीमा की वैधता अवधि के दौरान हुई है. इस कारण बीमा कंपनी को दुर्घटना बीमा का दावा निरस्त करने का कोई अधिकार नहीं है. फोरम के अध्यक्ष ने बीमा कंपनी को दावा का भुगतान करने का आदेश दिया है.
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