बोकरो: बोकारो में अपनी स्कूलिंग करने वाली अरुंधती भट्टाचार्या ने आखिरकार इतिहास गढ़ ही दिया. उन्हें वित्त मंत्रलय से चेयरमैन पद के लिए हरी झंडी मिल गयी है. अब बस प्रधानमंत्री कार्यालय से औपचारिक मुहर लगने की जरूरत है. बताते चलें कि अरूंधती भट्टाचार्या के पिता प्रद्युमन कुमार मुखर्जी बीएसएल में वरीय अभियंता के पद पर कार्यरत थे.
वो 1975 में बीएसएल से रिटायर हुए. इससे पहले वह भिलाई प्लांट में कार्यरत थे. 1967 में उनका तबादला बोकारो हुआ. बंगाला भाषी भट्टाटार्या बिहार के बेतिया जिला के मूल निवासी है.
श्रीमती भट्टाचार्या के दादा और दादा के पिता बेतिया में ही रहते थे. बाद में पिता प्रद्युमन कुमार मुखर्जी की नौकरी सेल में लग गयी. श्रीमती भट्टाचार्या की अपनी बड़ी बहन अदिति भट्टाचार्या चास में अपनी मौसी पावर्ती भट्टाचार्या के साथ रहती हैं. अदिति भट्टाचार्या के पति विश्वाती बासु बीएसएल में ही अधिकारी थे. सेल में काम करने के साथ वो एक अच्छे संगीत कलाकर भी थे. मौसी पावर्ती भट्टाचार्या 81 साल की उम्र में आज भी बच्चों को पढ़ाने का काम करती हैं.