यही कारण है कि लोगों के मन में इस हत्याकांड को लेकर तरह-तरह के सवाल उभर रहे हैं. यह सच है कि डॉ विनय ने वित्तीय गड़बड़ी समेत अन्य कई अनियमितता के आरोप में दीपक गुप्ता व रेखा गुप्ता समेत कुछ अन्य कर्मचारियों को संस्था से बाहर का रास्ता दिखाया था और उसके बाद डॉ विनय के खिलाफ मोरचा बंदी शुरू हुई थी. दीपक गुप्ता व रेखा गुप्ता ने डॉ विनय के खिलाफ ग्रामीणों को गोलबंद करने का भरपूर प्रयास किया था, जो किसी से छुपा नहीं है. इसी वजह से डॉ विनय हमेशा असुरक्षित भी महसूस करते थे और स्थानीय पत्रकारों व ग्रामीणों के बीच इसकी चर्चा भी करते थे. परंतु, उनकी हत्या का व्यूह रचने से लेकर इसे अंजाम देने तक में और भी कई लोगों के शामिल होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है. यह भी हो सकता है कि पुलिस असली अपराधी तक अभी तक नहीं पहुंच पायी है. क्षेत्र में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि इस हत्याकांड में अभी असली अपराधी तक पहुंचना बाकी है.
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एनआरआइ डॉ विनय सिंह हत्याकांड: तह तक नहीं पहुंच पायी है पुलिस
बोकारो: जरीडीह प्रखंड के चिलगड्डा स्थित जोहार अस्पताल आशा विहार के परियोजना निदेशक एनआरआइ डॉ विनय कुमार सिंह हत्याकांड की तह तक जाने में पुलिस अब तक विफल है. हालांकि, इस मामले में पुलिस ने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल अवश्य भेज दिया है. लेकिन, हत्याकांड का खुलासा करने […]
बोकारो: जरीडीह प्रखंड के चिलगड्डा स्थित जोहार अस्पताल आशा विहार के परियोजना निदेशक एनआरआइ डॉ विनय कुमार सिंह हत्याकांड की तह तक जाने में पुलिस अब तक विफल है. हालांकि, इस मामले में पुलिस ने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल अवश्य भेज दिया है. लेकिन, हत्याकांड का खुलासा करने में अब-तक कामयाबी नहीं मिल पायी है. कई सवाल अब-तक अनसुलङो हैं. खासकर डॉ विनय की हत्या मूलत: किन कारणों से की गयी, यह अभी तक सामने नहीं आ पाया है, और न ही हत्या में शामिल लोगों का ही खुलासा हुआ है.
रहस्यों पर से परदा उठाना पुलिस के लिए चुनौती : आशा विहार व आसपास के गांवों के दौरा व विभिन्न ग्रामीणों से बातचीत के दौरान यह बात सामने आयी कि कई लोग इस हत्याकांड के रहस्यों से अवगत हैं या फिर कई महत्वपूर्ण जानकारियां रखते हैं. लेकिन, दहशत के कारण लोग मुंह खोलने से घबराते हैं. पुलिस भी रहस्यों पर से पर्दा उठाने के प्रति बहुत गंभीर नहीं दिखती है. पांच लोगों की गिरफ्तारी कर पुलिस अपनी पीठ भले थपथपा ले, लेकिन इसकी तह तक जाना और तमाम रहस्यों पर से परदा उठाना पुलिस के लिए अभी भी चुनौती बनी हुई है.
आशा विहार में दहशत का माहौल : डॉ विनय सिंह की हत्या के बाद आशा विहार में दहशत का माहौल बना हुआ है. हर अंजान चेहरे को अजीब सी निगाहों से देखा जा रहा है. आशा विहार में कार्यरत कर्मचारी सशंकित हैं. उनके चेहरे पर खौफ की लकीरें छुप नहीं रही है. पहले देर शाम तक आशा विहार में चहल-पहल रहती थी, परंतु डॉ विनय की हत्या के बाद दिन में भी सन्नाटा सा पसरा रहता है और शाम ढलने से पहले कर्मचारी वापस लौटने लगते हैं. हर कोई खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है. किसी के सामने कुछ बताने-मुंह खोलने से घबराते हैं.पुलिस अगर गहराई से तहकीकात करे तो इस हत्याकांड में कई चौंकाने वाली बातें सामने आ सकती है.
क्लाउडिया रसेल उर्फ कल्याणी दीदी का इंतजार : इधर, डॉ विनय की हत्या के बाद इसकी संस्थापिका क्लाउडिया रसेल उर्फ कल्याणी दीदी अब तक जर्मनी से नहीं लौटी हैं. उनके आने का इंतजार हर किसी को है. उनके नहीं आने से आशा विहार के संचालन की जिम्मेदारी भी किसी को ठीक से नहीं मिल पायी है. सब कुछ मानो जैसे-तैसे चल रहा है, इसका प्रतिकूल असर मरीजों के इलाज पर पड़ रहा है. मरीजों की भीड़ भी पहले की अपेक्षा कम है.
डॉ विनय की पत्नी ने की है उच्च स्तरीय जांच की मांग : मृतक डॉ सिंह की पत्नी मारकेरेट ने जर्मन उच्च आयोग से उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है. जानकारी के मुताबिक जर्मन उच्च आयोग ने इस मामले में भरत के उच्च आयोग से बात की है. हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच होने की संभावना है. बताते चले कि बुधवार को डॉ विनय की पत्नी मारकेरेट ने पुत्र आरोण व पुत्री उषा के साथ आशा विहार व उसके बाद जरीडीह थाना पहुंचकर पुलिसिया कार्रवाई की जानकारी भी ली थी. उसके बाद वह रांची लौट गये.
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