बोकारो. भारत सरकार ने जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) को अपने अंश का अनुदान नहीं दिया है. पैसे के अभाव में करीब छह माह से कर्मियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है. कयास लगाया जा रहा है कि कहीं भारत सरकार इस पर विराम तो नहीं लगा देगी.
केंद्र का अंशदान शीघ्र : डीआरडीए में 75 फीसद केंद्र व राज्य सरकार 25 फीसद देती है. राज्य ने अपने अंश का 50 फीसदी ही जारी किया है. अब वेतनादि का भुगतान किया जायेगा. भारत सरकार जल्द ही अपने हिस्से का अंश देगी. जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार एक सप्ताह पूर्व रांची में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में पंचायत को दिये जानेवाले अधिकार पर गंभीर चर्चा हुई. बताया जाता है कि बैठक के दौरान डीआरडीए का चेयरमैन जिप के अध्यक्ष को बनाने की चर्चा भी हुई. मौजूदा व्यवस्था में उपायुक्त इसके अध्यक्ष होते हैं.
वित्तीय अधिकार नहीं : दरअसल सरकार आधी से अधिक योजना पंचायत को दे देना चाहती है. वह भी केवल कागज पर नहीं, बल्कि हकीकत में. अधिकार ऐसा कि वह योजना चयन करने से लेकर उस पर आने वाले खर्च एवं उसकी मॉनीटरिंग तक करे. अभी कुछ विभागों की योजना के चयन का अधिकार तो उसे है, पर वित्तीय अधिकार से वंचित है. पंचायत चुनाव के बाद से ही सरकार उसे अधिकार सौंपने को लेकर असमंजस में है. कागज पर अधिकार सौंप दिये, पर जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) के पृथक अस्तित्व या जिला परिषद में समंजन को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हो पाया.