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लागू होगा बोकारो मॉडल
राज्य की कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में डीजीपी ने कहा, हर जिले में बोकारो एसपी ए विजयालक्ष्मी ने बैठक में दिया प्रेजेंटेशन रांची : डीजीपी डीके पांडेय ने राज्य की कानून-व्यवस्था और नक्सल गतिविधियों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अपराध नियंत्रण के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिये. साथ ही नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई को […]
राज्य की कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में डीजीपी ने कहा, हर जिले में
बोकारो एसपी ए विजयालक्ष्मी ने बैठक में दिया प्रेजेंटेशन
रांची : डीजीपी डीके पांडेय ने राज्य की कानून-व्यवस्था और नक्सल गतिविधियों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अपराध नियंत्रण के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिये. साथ ही नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई को तेज करने का निर्देश दिया. बैठक में बोकारो के एसपी ए विजयालक्ष्मी नें एक प्रेजेंटेशन दिया. इसमें बताया कि उन्होंने हर थाना में एक-एक महिला सिपाही की प्रतिनियुक्ति कर दी है.
थाना में आने वाली शिकायत की तीन प्रतियां बनायी जाती हैं. एक प्रति शिकायतकर्ता को, दूसरी थाना के पदाधिकारी और तीसरी प्रति कंट्रोल रूम डीएसपी को दी जाती है. शिकायतों पर क्या कार्रवाई की गयी, इसकी समीक्षा हर माह की जाती है. सभी अधिकारियों ने बोकारो एसपी के इस प्रयोग की सराहना की. इसके बाद डीजीपी डीके पांडेय ने पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि बोकारो पुलिस के मॉडल को हर जिले में शुरू किया जाये.
एसीआर टाईम पर लिखें: पुलिस अधीक्षकों से कहा गया कि वह अपने नीचे काम करने वाले पदाधिकारियों का एसीआर समय पर लिखें.साथ ही खुद का एसीआर भी समय पर लिख कर भेजें.
आराम की जगह बन गया है सारंडा व सरयू: बैठक में एडीजी स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता ने कहा कि सारंडा और सरयू में जरुरत से ज्यादा पारा मिलिट्री फोर्स की प्रतिनियुक्ति है. फोर्स का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. वहां पर प्रतिनियुक्त फोर्स आराम कर रहे हैं. जबकि दुमका और कोडरमा जैसे जिलों में पारा मिलिट्री फोर्स की कमी है. इन दोनों जिलों में भी कई नक्सली घटनाएं हुई हैं. इसलिए फोर्स की तैनाती को लेकर दुबारा निर्णय लेने की जरुरत है.
सूचना रहने पर भी चतरा पुलिस ने नहीं की कार्रवाई: बैठक में एडीजी स्पेशल ब्रांच ने चतरा का मामला उठाया. बताया कि पहले से सूचना रहने के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की और माओवादियों ने रविंद्र गंझू की हत्या कर दी. हालांकि इस घटना की चर्चा होने पर पुलिस मुख्यालय के अन्य अधिकारियों ने चुप्पी साध ली.
जैप जवानों के पिकेट को सुदृढ़ करें
बैठक में पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि जैप के कमांडेंट के साथ वह हर पिकेट पर जायें. पिकेट की संयुक्त समीक्षा करें. जैप के पिकेट को सुदृढ़ बनाने के लिए जरूरी कामों की सूची बनायें.
फिर काम शुरु करायें. हर माह 20 तारीख को जाकर पिकेटों पर हो रहे कामों की समीक्षा करें और पिकेट की तसवीर पुलिस मुख्यालय को भेजें. जैप के एडीजी कमल नयन चौबे ने बैठक में कहा कि जैप व आइआरबी के जवानों का इस्तेमाल ही नहीं किया जाता है. जवानों को स्टेटिक फोर्स बना कर रख दिया गया है. इसपर डीजीपी ने सभी एसपी को निर्देश दिया कि जैप के जवानों का इस्तेमाल करें. जैप के जवान भी राज्य पुलिस का ही अंग हैं.
थानों में मेस शुरू करायें
बैठक में चर्चा के दौरान कहा गया कि थानों में मेस होता था. जिसमें पुलिसकर्मियों के लिए खाना बनता था. कूक भी है. लेकिन मेस बंद हो गये हैं. पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया कि वह थानों में मेस को चालू करवायें. कूक का पदस्थापन करें. खाना का मीनू बनाकर भी थाना के पुलिसकर्मियों को दें. महीने में एक बार थाना में जाकर खुद भी खाना खायें.
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