बालीडीह. हजारीबाग निवासी बाली यादव अपनी 21 वर्षीय बेटी की खोज में सुबह जरीडीह थाना अंतर्गत टांड़ बालीडीह पंचायत के शांति नगर पहुंचे, जहां उन्होंने कुछ दिनों पूर्व अपनी बेटी का ब्याह तय किया था. लेकिन यहां उस वक्त उनके होश उड़ गये, जब पता चला कि टांड़ बालीडीह में तो उस लड़के का घर […]
बालीडीह. हजारीबाग निवासी बाली यादव अपनी 21 वर्षीय बेटी की खोज में सुबह जरीडीह थाना अंतर्गत टांड़ बालीडीह पंचायत के शांति नगर पहुंचे, जहां उन्होंने कुछ दिनों पूर्व अपनी बेटी का ब्याह तय किया था. लेकिन यहां उस वक्त उनके होश उड़ गये, जब पता चला कि टांड़ बालीडीह में तो उस लड़के का घर ही नहीं है.
इसके अलावा लड़के का धर्म भी कुछ और था. इसके बाद लड़की के परिजन घर के मालिक को पकड़ कर गोड़ाबाली दक्षिणी मुखिया गणोश ठाकुर के पास गये और पूरी कहानी बतायी. मुखिया ने तुरंत मामले की सूचना स्थानीय थाना को दी. इस दौरान मौके पर पहुंची बालीडीह थाना पुलिस उक्त मकान मालिक को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गयी. वहीं लड़की के परिजनों को हजारीबाग थाना में मामला दर्ज कराने का सलाह देकर भेज दिया गया.
क्या है मामला
हजारीबाग जिले के ढिंगुरा निवासी बाली यादव के अनुसार कुछ लोगों ने उसकी लड़की की शादी करवाने के नाम पर फर्जीवाड़ा किया और लड़की का अपहरण भी कर लिया. उसने कहा: ‘मेरे घर के सामने थोड़ी जगह है, जहां लोग गरमी के दिनों में अक्सर आराम करने के लिए रुकते हैं. इसी दौरान एक व्यक्ति से मेरी जान-पहचान हुई. धीरे-धीरे उससे दोस्ती गयी तो मैंने उसे अपनी लड़की के लिए स्वजाति में कोई लड़का ढूंढ़ने को कहा.
कुछ समय बाद उस व्यक्ति ने टांड़ बालीडीह में एक अच्छा लड़का होने की बात कही. बात आगे बढ़ने पर हमलोगों को वह व्यक्ति टांड़ बालीडीह के शांतिनगर के एक मकान में ले गया. मकान मालिक सीमन लकड़ा का परिचय लड़के (राजेश) की बहन के ससुर के रूप में करवाया गया. इस दौरान उन्होंने लड़के को बीएसएल में प्लांट ऑपरेटर बताया और दहेज के रूप में तीन लाख की डिमांड की. हालांकि बात एक लाख 30 हजार रुपये में तय हुई. शादी के पहले हमने पूरी रकम भी लड़के के घर पहुंचा दी. 22 अप्रैल को हजारीबाग के नासीम बागी में शादी तय हुई थी, लेकिन हमलोग बस इंतजार ही करते रह गये. लड़के वालों को फोन करने पर उन्होंने सड़क हादसा का बहाना बनाया. तुरंत दूसरे दिन लड़का पक्ष ने छिन्नमस्तिके मंदिर (रजरप्पा) में शादी के लिए आने को कहा, लेकिन इस बार भी वे गच्च दे गये. इसके बाद उन्होंने मोबाइल फोन भी बंद कर दिया.
शनिवार को कर लिया लड़की का अपहरण
भुक्तभोगी ने बताया कि लड़के ने उनकी बेटी से भी फोन पर बात करनी शुरू कर दी थी. दो मई को जब उनकी लड़की हजारीबाग एलआइसी ऑफिस गयी थी, तभी लड़के वालों ने उसका अपहरण कर लिया. उसी दिन शाम करीब सात बजे लड़की के भाई राकेश के मोबाइल पर उक्त लड़के (राजेश) ने फोन किया और बताया कि उसकी बहन सुरक्षित है. राकेश के अनुसार, उसकी बहन से उसकी बात भी करवायी गयी. लड़की रो रही थी. इस दौरान बात के बीच में ही उन्होंने फोन काट दिया. इसके बाद रविवार को लड़की के परिजन टांड़ बालीडीह पहुंचे.