इसके बाद लड़कियों ने आदिवासी नृत्य कर मौजूद लोगों का स्वागत किया. अध्यक्षता समाज के अध्यक्ष उपेंद्र हांसदा ने की. कहा : समाज का विकास चाहते हैं, तो समाज के लोगों को अपनी सभ्यता व संस्कृति को बचाना होगा. उन्होंने कहा : सभ्यता व संस्कृति से ही हमारी पहचान है.
इसे बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. समाज को विकसित बनाने के लिए शैक्षणिक माहौल भी तैयार करना जरूरी है. 21 वीं सदी में आदिवासियों की सभ्यता व संस्कृति प्रभावित हुई है. इसकी रक्षा करने की जिम्मेवारी सभी को लेनी पड़ेगा. मौके पर सचिव सुरेश मुमरू, सुरेंद्र नाथ हेंब्रम, गोविंद हांसदा, शैलेंद्र सोरेन, रंग लाल हांसदा, बानेश्वर टुडू, मिस्त्री सोरेन, सुरेंद्र प्रसाद मांझी, राम प्रसाद टुडू आदि उपस्थित थे.