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तीन परियोजनाओं में संडे को डय़ूटी नहीं

बेरमो. सीसीएल के बीएंडके प्रक्षेत्र अंर्तगत बोकारो कोलियरी, करगली कोलियरी एक्सकैवेशन एवं करगली वाशरी में क्षेत्रीय प्रबंधन अब मजदूरों से रविवार को काम नहीं लेगा. प्रबंधक का तर्क है कि बोकारो व करगली परियोजना में शिफ्टिंग समस्या के कारण उत्पादन की रफ्तार काफी धीमी है तथा दोनों परियोजनाओं से हर साल करोड़ों का घाटा हो […]

बेरमो. सीसीएल के बीएंडके प्रक्षेत्र अंर्तगत बोकारो कोलियरी, करगली कोलियरी एक्सकैवेशन एवं करगली वाशरी में क्षेत्रीय प्रबंधन अब मजदूरों से रविवार को काम नहीं लेगा. प्रबंधक का तर्क है कि बोकारो व करगली परियोजना में शिफ्टिंग समस्या के कारण उत्पादन की रफ्तार काफी धीमी है तथा दोनों परियोजनाओं से हर साल करोड़ों का घाटा हो रहा है.

वहीं करगली वाशरी को समुचित मात्र में कोयला नहीं मिल पा रहा है. इधर प्रबंधन द्वारा लिये गये इस निर्णय से कामगारों में गहरा आक्रोश है. प्रक्षेत्र के श्रमिक नेताओं ने भी प्रबंधन के इस निर्णय की आलोचना की है. एसीसी की बैठक में कई श्रमिक नेता प्रबंधन के इस निर्णय पर अपना प्रतिवाद जता चुके हैं. उल्लेखनीय है कि पहले रविवार को कामगारों के एक दिन के काम के बदले तीन दिन की हाजिरी गिनी जाती थी.

रोजाना कितना उत्पादन : जानकारी के अनुसार बोकारो कोलियरी से रोजाना 200-300 टन, करगली कोलियरी से 100-200 टन और बेरमो सीम इंक्लाइन से रोजाना मात्र 140 टन कोयले का उत्पादन हो रहा है. वहीं करगली वाशरी में कोयला रिसीविंग शून्य पर चला गया है. इस वाशरी को हर दिन एक से डेढ़ हजार टन कोयले की जरूरत है, लेकिन पिछले एक सप्ताह से एक छटांक कोयला भी वाशरी को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. ऐसे में इस कोकिंग वाशरी में उत्पादन प्रभावित हो रहा है.

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