गिरफ्तार उग्रवादी भाकपा माओवादी प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन के सेंट्रल कमेटी स्पेशल एरिया का सदस्य मनोरत्तम सोरेन उर्फ टुना सोरेन (19 वर्ष) है. उसके पास से नक्सली चिट्ठी, साहित्य व लेवी का 18 हजार बरामद किया गया है. मनोरत्तम गिरिडीह जिला के थाना पीरटांड़, ग्राम चतरो का निवासी है. उसकी गिरफ्तारी के बाद एसपी ए विजया लक्ष्मी ने शनिवार को अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकारों को बताया : मनोरत्तम सोरेन उग्रवादी संगठन के शीर्ष नेता किशन दा, अनल दा व करण दा का खास संदेश वाहक है.
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10 लाख का इनामी उग्रवादी गिरफ्तार
बोकारो: बोकारो पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. एसपी ए विजया लक्ष्मी के निर्देश पर पुलिस ने गोमिया थाना क्षेत्र के ग्राम डुमरी विहार कोयोटांड़ रेलवे क्रॉसिंग के पास लुगू पहाड़ पर छापेमारी कर शुक्रवार को 10 लाख के एक इनामी उग्रवादी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार उग्रवादी भाकपा माओवादी प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन के […]
बोकारो: बोकारो पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. एसपी ए विजया लक्ष्मी के निर्देश पर पुलिस ने गोमिया थाना क्षेत्र के ग्राम डुमरी विहार कोयोटांड़ रेलवे क्रॉसिंग के पास लुगू पहाड़ पर छापेमारी कर शुक्रवार को 10 लाख के एक इनामी उग्रवादी को गिरफ्तार किया है.
10 लाख का इनामी
वर्ष 2007 से ही श्री सोरेन सेंट्रल कमेटी के लिए काम कर रहा है. इस वर्ष जनवरी माह में वह संगठन के विस्तार के लिए झुमरा पहाड़ पर आया था. यहां पुलिस के उग्रवादियों के खिलाफ लगातार चलाये जा रहे अभियान के कारण मनोरत्तम बाहर नहीं निकल सका. उसे लुगु पहाड़ से गिरफ्तार किया गया. पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि मनोरत्तम सोरेन नक्सली नेता करण दा का नक्सली गतिविधि से संबंधित चिट्ठी लेकर अनल दा व किशन दा के पास सारंडा जा रहा है.
नक्सली चिट्ठी, साहित्य व लेवी का 18 हजार बरामद
एसपी ने बताया : सोरेन के पास से नक्सली गतिविधि से संबंधित बंगला व हिंदी में लिखा में हुआ उग्रवादी संदेश, नक्सली साहित्य व लेवी के रूप में वसूले गये 18 हजार तीन सौ रुपये बरामद किये गये हैं. पूछताछ के दौरान पुलिस को उग्रवादियों का ठिकाना, गोला, बारूद व हथियार रखने के जगह के बारे में काफी जानकारी मिली है. उसकी निशानदेही पर निकट भविष्य में उग्रवादियों के खिलाफ बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है.
झारखंड, बिहार, आंध्र प्रदेश व ओड़िशा में था सक्रिय
एसपी ने बताया कि मनोरत्तम झारखंड, बिहार, आंध्र प्रदेश व ओड़िशा में उग्रवादी संगठन के लिए संदेश वाहक का काम करता था. उग्रवादी संगठन के बड़े नेता जब क्षेत्र में भ्रमण करते थे, तो वह एसएलआर व इंसास लेकर उनकी सुरक्षा में चलता था. एसएलआर व इंसास चलाने में वह पारंगत है. उग्रवादी संगठन के सेंट्रल कमेटी के टेक्निकल सेल में भी काम कर चुका है. जमुई, गोला व हजारीबाग में हुए पुलिस व माओवादी के बीच मुठभेड़ में शामिल होने की बात सोरेन ने स्वीकार की है. सोरेन की गिरफ्तारी की खबर पर खुफिया विभाग के अधिकारियों ने भी उससे अलग से पूछताछ की है.
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