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अनाथ बच्चों का विद्यालय खस्ताहाल

जैनामोड़: जैनामोड़ में स्थित इंद्रधनुष अनाथ आवासीय विद्यालय की हालत खस्ता है. 2011 से संचालित इस विद्यालय का आजतक न तो अपना भवन ही बना और न ही वर्तमान जगह पर चहारदीवारी है. फिलवक्त इस विद्यालय में कुल 83 छात्र-छात्रएं (50 छात्रएं व 33 छात्र) कक्षा एक से छह तक की शिक्षा ग्रहण कर रहे […]

जैनामोड़: जैनामोड़ में स्थित इंद्रधनुष अनाथ आवासीय विद्यालय की हालत खस्ता है. 2011 से संचालित इस विद्यालय का आजतक न तो अपना भवन ही बना और न ही वर्तमान जगह पर चहारदीवारी है. फिलवक्त इस विद्यालय में कुल 83 छात्र-छात्रएं (50 छात्रएं व 33 छात्र) कक्षा एक से छह तक की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. यहां विषयवार शिक्षक का अभाव है. इस विद्यालय में एक स्थायी वार्डेन भी नहीं है. केजीबीवी जरीडीह की विज्ञान शिक्षिको को बतौर वार्डेन प्रभार दिया गया है.

लेखापाल का पद भी नावाडीह के लेखापाल के प्रभार में है़ विद्यालय में दो पूर्णिकालिक शिक्षिका, दो प्रतिनियोजन पर एक दैनिक वेतन पर कार्यरत है. कुल मिलाकर आठ कक्षाओं पर मात्र पांच शिक्षक हैं. बिना चहारदीवारी के इस विद्यालय की सुरक्षा सिर्फ एक गार्ड के भरोसे है. चहारदीवारी की जगह विद्यालय को झाड़ी से घेरा गया है़ पुराने जजर्र ब्लॉक के कमरों में तत्कालीन विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह की मद से निर्मित अतिथि गृह व साक्षरता भवन के कमरों में पढ़ाई जैसे-तैसे चल रही है.

विद्यालय से निकलने के बाद छूट जाती है पढ़ाई
इस स्कूल में कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई की व्यवस्था है. इसके बाद आगे की पढ़ाई की व्यवस्था सरकार ने अब तक नहीं की है. फिलहाल छात्रओं को कक्षा आठ तक पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे प्लस टू तक की पढ़ाई के लिए सीधे संबंधित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय दाखिला दिया जा रहा है. लेकिन छात्रों के लिए कोई प्रबंध नहीं है. अधिकांश तो पढ़ाई छोड़ देते हैं.
कैसे होते है दाखिला
जिन बच्चों के माता-पिता नहीं होते हैं, वैसे बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर, या जिनके माता या पिता दोनों में से कोई एक नहीं है, उसे यहां दाखिला दिया जाता है. दूसरी प्राथमिकता बीपीएल बच्चों को दी जाती है. दाखिला के वक्त अनाथ बच्चों को माता या पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र, मुखिया की सत्यापित प्रति, आधार कार्ड, दो फोटो व अभिभावकों के साथ एक समूह फोटो देना पड़ता है. वार्डेन के मुताबिक नये सत्र में 17 सीटों के लिए सिर्फ 12 आवेदन मिले हैं. इसकी अनुशंसा कर जिला को भेज दिया गया है.
चास अंचल अंतर्गत बारी-कोऑपरेटिव, तेतुलिया में स्थायी भवन बनाने की कवायद पूरी हो चुकी है. यहां पांच एकड़ सरकारी जमीन का सीमांकन कर राज्य शिक्षा परियोजना को रिपोर्ट भेजी गयी है. सवा दो करोड़ की लागत से भवन बनेगा, इसी माह टेंडर निकलेगा.

विनीत कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक, बोकारो

बोकारो: नयी दिल्ली में सेल निदेशक मंडल की बैठक आठ अप्रैल को होगी. इसमें मैटेरेनिटी लीव व चाइल्ड केयर लीव पर अंतिम रूप से मुहर लगने की संभावना है. सेल निदेशक मंडल की बैठक 30 मार्च को नयी दिल्ली में होनी थी. एक अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी के राउरकेला स्टील प्लांट के दौरा को लेकर बैठक स्थगित हो गयी थी.
लटका है पेंशन व वेतन विसंगति का मामला : बीएसएल सहित सेल कर्मियों के पेंशन व वेतन विसंगति का मामला भी अभी तक लटका हुआ है. वेतन विसंगति मामले को लेकर बोकारो सहित पूरे सेल स्तर पर अधिकारी अपना विरोध प्रकट कर चुके हैं. बोसा व सेफी इसके लिए लंबे अरसे से आंदोलनरत है. कर्मियों को उम्मीद है कि सेल निदेशक मंडल की बैठक में इसपर भी चर्चा होगी.
पेंशन पर अंतिम मुहर के लिए एसइएसबीएफ (सेल इंप्लाइज सुपर अपडेट बेनिफीट) फंड की बैठक होनी जरूरी है. एसइएसबीएफ की बैठक 31 मार्च को कोलकाता में होने वाली थी. लेकिन, पीएम के राउरकेला विजिट के कारण बैठक स्थगित हो गयी थी.अभी नयी तिथि निर्धारित नहीं हुई है. वेतन विसंगति का मामला मंत्रलय में पेंडिंग है.
एके सिंह, महासचिव-सेफी सह अध्यक्ष बोकारो स्टील ऑफिसर्स एसोसिएशन

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