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कब लौटेगी बंद स्कूलों में रौनक?
लंबे अरसे से बंद हैं सात स्कूल, इस साल भी बंद होंगे तीन स्कूल बोकारो : बोकारो के विभिन्न सेक्टरों में बीएसएल के सात स्कूल लंबे अरसे से बंद हैं. तीन स्कूलों के इस साल बंद होने की संभावना है. इस प्रकार बीएसएल के बंद पड़े स्कूलों की संख्या 10 हो जायेगी, जो खंडहर में […]
लंबे अरसे से बंद हैं सात स्कूल, इस साल भी बंद होंगे तीन स्कूल
बोकारो : बोकारो के विभिन्न सेक्टरों में बीएसएल के सात स्कूल लंबे अरसे से बंद हैं. तीन स्कूलों के इस साल बंद होने की संभावना है. इस प्रकार बीएसएल के बंद पड़े स्कूलों की संख्या 10 हो जायेगी, जो खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं. कई स्कूलों के खिड़की-दरवाजे तक गायब हो गये. कुछ का ईंट तक उखाड़ा जा चुका है. बीएसएल स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या साल-दर-साल घटती जा रही है. इस कारण एक स्कूल का दूसरे स्कूल में विलय हो रहा है.
इससे स्कूल भवन खाली होता रहा है. बंद पड़े स्कूलों की स्थिति दिनबदिन बदतर होती जा रही है. बंद पड़े स्कूलों का क्या होगा? इसको लेकर प्रबंधन ने अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है.
क्या है परेशानी : बंद पड़े स्कूलों का सर्वे करना है. स्कूलों का क्षेत्रफल देखना है. इस अनुसार, स्कूलों की क्या प्राइस होगी, यह तय करना है. यह कौन करेगा? इसका निर्णय अभी तक नहीं लिया जा सका है. उधर, पीएमओ ने बीएसएल को जमीन लाइसेंस पर देने की रोक लगा रखी है. इस कारण भी बीएसएल प्रबंधन कुछ निर्णय लेने में सक्षम नहीं है.
2009 में प्रबंधन ने मांगा था प्रपोजल : बीएसएल प्रबंधन ने शुरू में बंद पड़े स्कूलों को निजी प्रबंधन के हाथों में सौंपने का निर्णय लिया था. इसके लिये वर्ष 2009 में निजी संस्थानों से प्रपोजल भी मांगा गया था. इसमें बोकारो सहित दिल्ली व अन्य स्थानों के निजी प्रबंधन ने आवेदन दिया था. संबंधित संस्थानों ने प्रजेटेंशन भी दिया था. लेकिन, उसके बाद इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई. फिर, पीएमओ से रोक लग गयी.
बीएसएल स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या घटी है. इस कारण कुछ स्कूलों का विलय किया गया है. इससे कुछ बीएसएल स्कूल भवन खाली अवश्य है. लेकिन, खाली पड़े स्कूल भवनों का क्या उपयोग होगा, यह अभी तक तय नहीं हो पाया है.
संजय तिवारी, संचार प्रमुख, बीएसएल
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