बोकारो: बोकारो के परिक्षेत्रीय गांवों की वैसी साक्षर महिलाओं को मैट्रिक तक की पढ़ाई पूरी करने में मदद पहुंचाने के लिए बीएसएल अपनी सीएसआर गतिविधियों के तहत एक मिशन प्रोजेक्ट लागू करने जा रहा है. इससे वैसी महिलाएं लाभान्वित होंगी, जिन्होंने किसी कारणवश अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और मैट्रिक की डिग्री हासिल नहीं कर सकी.
सेल के निदेशक मंडल से वर्ष 2014-15 के लिये ‘साक्षर से मैट्रिक पास अभियान’ नामक इस सीएसआर प्रोजेक्ट को स्वीकृति प्राप्त होने के बाद बीएसएल अब इस प्रोजेक्ट को कार्यान्वित करने के लिये तत्पर है. बीएसएल ने इस मिशन प्रोजेक्ट को लागू करने के लिये जिला साक्षरता समिति बोकारो और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआइओएस) जैसी अनुभवी संस्थाओं का चयन किया है. इस प्रोजेक्ट के लिये जिला साक्षरता समिति बोकारो द्वारा चास, चंदनकियारी और जरीडीह प्रखण्डों के 1400 साक्षर महिलाओं को चिह्न्ति किया गया है, जो 18 से 35 वर्ष की आयु वर्ग की हैं और मैट्रिक की पढ़ाई पूरी नहीं कर सकी हैं.
57़ 23 लाख रुपये लागत का प्रोजेक्ट : कुल 57. 23 लाख रुपये लागत की बीएसएल की इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर चर्चा करने के लिए एनआइओएस के क्षेत्रीय निदेशक आर प्रसाद ने बीएसएल के सीएसआर विभाग के अधिकारियों से बैठक की. बैठक के दौरान उन्होंने इस प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन के लिए बीएसएल द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की.
जिला साक्षरता समिति करेगी मॉनीटरिंग
इस प्रोजेक्ट का लाभ उठा रही महिलओं को एनआइओएस मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने और प्रमाणपत्र प्राप्त करने जैसी गतिविधियों में बीएसएल सहयोग करेगी, जबकि जिला साक्षरता समिति महिलाओं को परीक्षा की तैयारी के लिये प्रिपरेटरी कक्षाएं आयोजित करेगी. साथ ही इस पूरे प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग भी करेगी.