बोकारो: पति के दीर्घायु होने की कामना का पर्व मधु श्रावणी नौ अगस्त को मनाया जायेगा. बोकारो में मिथिलांचल की नव विवाहिता मधु श्रावणी श्रद्धा और विश्वास के साथ कर रही हैं. यह पर्व 27 जुलाई से शुरू हुआ. मधु श्रावणी के दिन नव विवाहिता के पति की उपस्थिति हर हाल में अनिवार्य होती है. पति पूजा के विधान में शामिल होते हैं. इसलिए ससुराल के लोगों को इस पर्व का इंतजार बेसब्री से रहता है.
जलती बाती से दागी जाती है नववधु : पति अपने हाथों में पान का पत्ता और आरत लेकर पत्नी की आंखें मूंदता हैं. विधकरी वधू के दोनों घुटने, बायीं हथेली के पृष्ठ भाग और दोनों पैर पर पान पत्ता और आरत रख कर उस स्थान को घी में डुबोयी हुई जलती बाती से दागती है. इसमें एक या तीन फफोला आना शुभ माना जाता है. इसे पति प्रेम का प्रतीक मानते हैं.
वधु के ससुराल से आता है अन्न व व : पर्व के दिन वधु के ससुराल से नया व, अन्न, पकवान व मिठाई आता है. वधु ससुराल से आये हुए नये व को धारण करती है. ससुराल से आया अन्न (चावल आदि) बनाया जाता है. पूजा-पाठ के बाद इष्ट जनों के को भोजन, पकवान व मिठाई खिलाया जाता है. वधु 13 दिनों के बाद नमक ग्रहण करती है.