बोकारो. जिले के उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने सरकारी अस्पतालों को हाइटेक बनाने के लिए अगस्त 2014 से नवंबर 2014 की बैठक में कई बार विशेष निर्देश दिया, लेकिन छह माह बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस है. सरकारी अस्पताल का हाइटेक होना तो दूर, यहां के चिकित्सक व कर्मी अबतक व्हाट्स ऐप्प से भी नहीं जुड़ सके. अस्पतालों में लगे बायोमीट्रिक सिस्टम से सभी कर्मचारी उपस्थिति भी नहीं बना रहे हैं. कैंप दो स्थित सदर अस्पताल में बायोमीट्रिक सिस्टम से उपस्थिति बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई है, पर अस्पताल ऑनलाइन नहीं हो पाया है.
समस्या का समाधान भी व्हाट्स ऐप्प पर : योजना बनी थी कि व्हाट्स ऐप्प व इंटरनेट के माध्यम से चिकित्सक सिविल सजर्न को अस्पताल की जानकारी हर पल देंगे. साथ ही अस्पताल में किसी भी तरह की समस्या उत्पन्न होने पर समाधान की मांग करेंगे. जिले के सभी अस्पतालों के ऑनलाइन होने से आम लोगों को भी पता चल सकेगा कि कहां कितने चिकित्सक हैं. कौन से दिन ओपीडी में किस विशेषज्ञ चिकित्सक की ड्यूटी है, चिकित्सकों व पारा कर्मियों की ड्यूटी रोस्टर, दवाओं की उपलब्धता, इसकी जानकारी भी ऑनलाइन उपलब्ध होगी. लेकिन यह व्यवस्था भी फिलहाल भविष्य के गर्भ में है.
वर्तमान में क्या है व्यवस्था : वर्तमान समय में सदर अस्पताल के ओपीडी में चक्षु, दंत, शिशु, अस्थि, स्त्री एवं प्रसूति, जेनरल रोग के चिकित्सक बैठते हैं. ओपीडी में हर माह लगभग पांच हजार मरीजों की जांच चिकित्सक कर रहे हैं. जांच के लिए अल्ट्रा साउंड मशीन, एक्स-रे मशीन, डिजिटल इसीजी, पैथोलॉजी, दंत से जुड़ी जांच, चक्षु से जुड़ी जांच मशीनें उपलब्ध हैं. सामान्य व शल्य क्रिया से प्रसव के अलावे बंध्याकरण व नसबंदी भी की जा रही है.
सभी अस्पतालों को ऑनलाइन करना है. इंटरनेट से जोड़ना है. सभी चिकित्सकों व कर्मियों को व्हाट्स ऐप्प के जरिये समस्या बतानी है. साथ ही उनके समस्याओं का समाधान भी इंटरनेट के जरिये ही किया जायेगा. इस पर काम शुरू कर दिया गया है. जल्द ही अस्पताल हाइटेक हो जायेंगे.
डॉ एसबीपी सिंह, सिविल सजर्न, बोकारो