बोकारो: भगवान ने हमें जिम्मेदारी दी है कि बच्चों को संस्कारवान बनाये. अत्यंत आवश्यक है कि माता-पिता का आचरण घर में कुशल हो. बच्चे इसे देख कर स्वत: अनुसरण करते हैं. बच्चों पर अपनी मरजी और उम्मीदें न थोपें. इससे बच्चों पर तनाव होगा और अपने मार्ग से भटक जाते हैं. यह बातें स्वामी अद्वैतानंद सरस्वती ने चिन्मय विद्यालय के तपोवन सभागार में बुधवार को आयोजित पैरेंटिंग (कुशल अभिभावक) कार्यक्रम के दौरान अभिभावकों को संबोधित करते हुए कही.
बच्चों को दें तीन संस्कार : कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्रीराम की तसवीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर हुआ. स्वामी जी ने कहा कि संस्कारी बच्चे ही देश व विश्व को बुद्घिमान व अनुशासित बना सकेंगे. बच्चों को यह लगना चाहिए कि मेरे निर्माण में मेरे माता-पिता (अभिभावक) का योगदान है. अभिभावकों को प्रेम व अनुशासन से धीरे-धीरे बच्चों के चरित्र का निर्माण करना चाहिए. स्वामी जी ने कहा कि बच्चे में आचार, विचार व उच्चार तीनों संस्कार देना चाहिए. ध्यान रखें कि बच्चों की जिज्ञासा जिस ओर हो उसी ओर प्रोत्साहित करते हुए सही मार्गदर्शन करें. इससे वह एक खास क्षेत्र में बेहतर कर सकेंगे.
ये थे उपस्थित : अतिथियों का स्वागत विद्यालय के सचिव महेश त्रिपाठी ने किया. कार्यक्रम में चिन्मय मिशन बोकारो की आचार्या ब्रह्नाचारिणी सुचेता चैतन्य, वर्तिका द्विवेदी, जीजीपीएस जनवृत्त-5 के प्राचार्य जोस थॉमस, ‘आशालता’ के निदेशक भवानी शंकर जायसवाल व चिन्मय मिशन के वरीय सदस्य उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन में विद्यालय प्राचार्य डॉ अशोक सिंह ने किया.