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गोली लगने से हुई थी विभा देवी की मौत
बोकारो : 30 दिसंबर 2014 को शरद महोत्सव के जुलूस में शामिल विभा देवी की मौत गोली लगने से हुई थी. न कि प्लास्टिक रस्सी के टूटने के कारण. इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हुआ है. विभा देवी के शव का पोस्टमार्टम पांच चिकित्सकों के दल (डॉ एचके मिश्र, डॉ केके सिन्हा, डॉ […]
बोकारो : 30 दिसंबर 2014 को शरद महोत्सव के जुलूस में शामिल विभा देवी की मौत गोली लगने से हुई थी. न कि प्लास्टिक रस्सी के टूटने के कारण. इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हुआ है. विभा देवी के शव का पोस्टमार्टम पांच चिकित्सकों के दल (डॉ एचके मिश्र, डॉ केके सिन्हा, डॉ स्नेहलता सिन्हा, डॉ विकास कुमार व डॉ रवि शेखर) ने चास अनुमंडल अस्पताल में 31 दिसंबर को किया था.
रिपोर्ट के अनुसार काउज ऑफ डेथ ‘फायर आर्म्स वैपन’ (सीवियर ब्लीडिंग, शॉक व कार्डियो रेसपेरेट फेल्योर) बताया गया है. जिला प्रशासन की ओर से दंडाधिकारी की मौजूदगी में पोस्टमार्टम की वीडियो ग्राफी करायी गयी. घटना की जांच एसडीपीओ मनीष टोप्पो कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ कहूंगा
दस लाख मुआवजा मिले : जिप अध्यक्ष सह भाजपा नेता मिहिर सिंह चौधरी ने कहा कि मृतका के परिजनों को दस लाख मुआवजा और एक परिवार को सरकारी नौकरी मिले तथा मामले की उच्चस्तरीय जांच हो.
नहीं चली थी गोली : एसपी
एसपी ने 31 दिसंबर को कहा था कि आयोजकों ने सुरक्षा को नजरअंदाज कर जिस तरीके से प्लास्टिक की रस्सी एक वाहन से दूसरे वाहन के बीच बांधा था. वह फांसी का फंदा बन गया. हजारों लोगों की भीड़ प्लास्टिक के रस्सी के बीच चल रही थी. रस्सी में क्षमता से अधिक तनाव हुआ और वह टूट गया. इसी का फंदा विभा देवी व रेणु देवी की गरदन में फंस गया. एसपी ने जुलूस के दौरान पुलिस की राइफल से गोली चलने की बात को निराधार बताया था. कहा था कि जुलूस की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मी के राइफल की जांच एक्सपर्ट से करायी गयी. जवान के पास सभी गोली मौजूद है. राइफल से गोली चलने का कोई प्रमाण नहीं मिला.
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