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जीके अस्पताल में इलाज के दौरान युवक की मौत

जैनामोड़ : जैनामोड़-फुसरो रोड स्थित जीके अस्पताल जैनामोड़ में इलाज के दौरान बालीडीह थाना क्षेत्र के विशुनपुर निवासी 18 वर्षीय अमित कुमार सिंह (पिता सोमर घटवार) की मौत हो गयी़ इसके बाद युवक के परिजनों व उसके सगे संबंधियों ने अस्पताल पहुंचकर काफी हंगामा किया. इस दौरान हुई मारपीट में दोनों पक्षों के करीब एक […]

जैनामोड़ : जैनामोड़-फुसरो रोड स्थित जीके अस्पताल जैनामोड़ में इलाज के दौरान बालीडीह थाना क्षेत्र के विशुनपुर निवासी 18 वर्षीय अमित कुमार सिंह (पिता सोमर घटवार) की मौत हो गयी़ इसके बाद युवक के परिजनों व उसके सगे संबंधियों ने अस्पताल पहुंचकर काफी हंगामा किया. इस दौरान हुई मारपीट में दोनों पक्षों के करीब एक दर्जन लोग जख्मी हो गये.
अस्पताल प्रबंधन द्वारा 25 हजार रुपये मुआवजा देने के बाद मामला शांत हुआ. स्थिति से निबटने के लिए पुलिस ने भी मोरचा संभाल लिया. जानकारी के अनुसार बालीडीह थाना क्षेत्र के विशुनपुर निवासी अमित कुमार सिंह की तबीयत खराब होने पर शुक्रवार की सुबह सात बजे उसके परिजनों ने जीके अस्पताल में भरती कराया. युवक की स्थिति पहले से बिगड़ती देख परिजनों ने युवक को किसी बड़े अस्पताल में रेफर करने को कहा.
अस्पताल प्रबंधन ने युवक को रेफर करने में आना-कानी की, तब तक शनिवार की सुबह युवक की मौत हो गयी. मृतक के परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सक के लापरवाही का आरोप लगाते हुए शनिवार की सुबह नौ से 10 बजे तक अस्पताल परिसर में काफी हंगामा किया. इस दौरान दोनों ओर से मारपीट भी हुई.
मौके पर जरीडीह पुलिस अरविंद कुमार सदल-बल पहुंचकर बीच-बचाव कर दोनों ओर से लोगों को शांत कराया. इसके बाद अस्पताल प्रबंध निदेशक दिनेश सिंह व मृतक के परिजनों के बीच झाविमो के बेरमो प्रत्याशी काशीनाथ सिंह की मौजूदगी में वार्ता हुई. अस्पताल प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को बतौर मुआवजा 25 हजार रुपये नकद दिया. मृतक के परिजनों की ओर से घायल लोगों को जैनामोड़ रेफरल अस्पताल में भरती कराया गया. वहीं अस्पताल प्रबंधन की ओर से घायल लोग इलाज के लिए जीके अस्पताल में भरती हुए.
ये हुए जख्मी : अस्पताल की ओर से प्रबंधक दिनेश कुमार सिंह, भाई संतोष सिंह व मामा भुनेश्वर सिंह और मृतक के परिजनों में मंजू देवी, भादो देवी, मखनी देवी, सोनिया देवी, छोटू सिंह, तुलसी कपरदार, ठाकुर सिंह, वीरेंद्र सिंह, गोविंद सिंह आदि जख्मी हुए हैं.
अस्पताल प्रबंधक ने कहा
मध्य रात्रि में रेफर करने के लिए दूरभाष पर किसी ने बात की, पर रेफर करने के बाद उसे कहां ले जाया जायेगा व कौन ले जायेगा, यह परिजनों ने तय नहीं किया था. ऐसी स्थिति में युवक को रेफर करना कैसे संभव था. अस्पताल के चिकित्सक भी उसे रेफर करने की बात कह चुके थे.
दिनेश सिंह, निदेशक-जीके अस्पताल जैनामोड़

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