फिल्म : घनचक्कर
कलाकार : इमरान हाशमी, विद्या बालन
निर्देशक : राजकुमार गुप्ता
रेटिंग : 2 स्टार
जब विद्या बालन किसी फिल्म का हिस्सा होती हैं तो दर्शकों को पूरी उम्मीद होती है कि फिल्म का कंटेट खास होगा. और निर्देशक जब नो वन किल्ड जेसिका और आमिर के हो तों इस बात की गारंटी हो जाती है कि फिल्म बेहतरीन होगी. लेकिन फिल्म घनचक्कर के साथ ऐसा कुछ भी नहीं होता. आपको जितनी उम्मीदें हैं.
यह फिल्म उस आधार पर बिल्कुल खरी नहीं उतरती. फिल्म की कहानी का नाम घनचक्कर क्यों है. यह अंत का स्पष्ट नहीं होता. फिल्म के किरदार स्पष्ट नहीं. उनका मकसद स्पष्ट नही. फिल्म में अगर कुछ लुभाता है तो विद्या का पंजाबन अंदाज़ लेकिन राजकुमार ने जब विद्या को फिल्म का हिस्सा बनाया तो उन्हें इतना कमजोर किरदार क्यों दिया. और विद्या ने क्या सोच कर इस फिल्म को हां कह दी. चूंकि फिल्म में उनके लिए काफी कम स्पेस बचे थे.
हालांकि राजकुमार ने विद्या को नये अंदाज में प्रस्तुत करने की जो कोशिश की है. वह कमाल की है. विद्या उसमें फबी भी हैं. लेकिन फिल्म की कहानी आपको इतनी ऊबाऊ लगती है कि आप चाह कर भी फिल्म के साथ नहीं हो पाते हैं. फिल्म का सेकेंड हाफ बेहद ही स्लो है. जो आपको बिल्कुल पसंद नहीं आयेगा. फिल्म में कलाकारों का चुनाव अच्छा है. लेकिन कहानी को जिस तरह थ्रिलर का रूप देने की कोशिश की गयी. वह हो नहीं पाया. यह सच है कि हर निर्देशक हर जॉनर की फिल्म बखूबी नहीं बना पाते. शायद इस बार राजकुमार इस बार असफल रहे.
लेकिन राजकुमार बेहतरीन निर्देशक हैं और उन्होंने अपनी पहली दो फिल्मों में यह साबित किया है. उनसे पूरी उम्मीद है कि भविष्य में भी वह अपनी फिल्मों के साथ वह न्याय कर पायेंगे. वह बेहतरीन लेखक भी हैं और विजन भी है उनके पास. उनकी यह खासियत कि वे फिल्मों में वास्तविक लोकेशन को फिल्माते हैं. यह हमेशा खास रहेगी. इस फिल्म में भी उन्होंने उसे बरकरार रखने की कोशिश की है. लेकिन फिल्म की कहानी कमजोर होने के कारण वे दर्शकों को सही तरीके से बांधने में शायद चूक गये.