बोकारो: करीब 1.5 करोड़ की लागत से बना कृषि भवन पहली बरसात भी नहीं ङोल पाया. बारिश शुरू होते ही भवन के हर तल्ले में जल जमाव और सभी दीवारों में काफी मात्र में सीपेज दिख रही है. इस कारण दीवारों का रंग-रोगन खराब हो गया.
भवन में जल जमाव और सीपेज को देखते हुए कृषि विभाग ने गृहप्रवेश का पूजन के बाद शिफ्ट होने से मना कर दिया था, बावजूद इसके विभाग को इस भवन में शिफ्ट होना पड़ेगा. जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने इस बाबत भवन बनाने वाली एजेंसी विशेष प्रमंडल को लिखित शिकायत की है. जिला कृषि विभाग की बैठक में भी डीसी बोकारो के सामने मामले को कृषि पदाधिकारी ने उठाया है. पर अभी तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो पायी है.
शिफ्ट होने की विवशता
कृषि पर फोकस केंद्र सरकार की नेशनल इ-गर्वनेंस प्रोजेक्ट ऑन एग्रीकलचर के लिए बोकारो को उत्तरी छोटानागपुर के लिए मुख्यालय चुना गया है. बोकारो में ही इस कार्यक्रम के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोला जायेगा. करीब 20 लोगों को यहां एक साथ ट्रेनिंग की सुविधा दी जायेगी. झारखंड सरकार की तरफ से इस केंद्र की योजना के आने के बाद नये कृषि भवन में शिफ्ट होने का निर्देश दिया गया है. ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए वहां आधारभूत संरचना तैयार करने के लिए बजट भी तैयार कर ली गयी है. विभाग न चाहते हुए भी इस भवन में जल्द से जल्द शिफ्ट होने को अब विवश है.
क्या है इ-गवर्नेस प्रोजेक्ट ?
जिले के हर ब्लॉक में किसानों के लिए तकनीकी सूचना केंद्र होगा. ब्लॉक स्तर के लिए इस कार्यक्रम के लिए यह सेंटर होगा. हर सेंटर पर तीन कंप्यूटर होना अनिवार्य है. सेंटर पर कृषि से संबंधित 12 तरह की डाटा इंट्री की जायेगी. आने वाले समय में दवा, खाद आदि कृषि संबंधी लाइसेंस इसी रिकॉर्ड से मिलेंगे. हर सेंटर पर टच स्क्रीन वाली एक मशीन लगी होगी जो कृषि संबंधी हर जानकारी किसानों को मुहैया करायेगी. इस प्रोजेक्ट का डायरेक्ट मॉनीटरिंग भारत सरकार करेगी. और हर जिले में सभी प्रखंडों का एक मुख्यालय होगा.