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राजनीति करने लगा था इलियास

बोकारो: बोकारो के कुख्यात लोहा तस्कर इलियास चौधरी को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की अवधि मंगलवार को समाप्त हो गयी. पुलिस ने इलियास को न्यायालय में उपस्थित कर उसे फिर से चास जेल भेज दिया. अदालत ने बोकारो पुलिस को आदेश दिया था की पुलिस पूछताछ के दौरान इलियास के नजदीकी रिश्तेदार या उसके […]

बोकारो: बोकारो के कुख्यात लोहा तस्कर इलियास चौधरी को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की अवधि मंगलवार को समाप्त हो गयी. पुलिस ने इलियास को न्यायालय में उपस्थित कर उसे फिर से चास जेल भेज दिया. अदालत ने बोकारो पुलिस को आदेश दिया था की पुलिस पूछताछ के दौरान इलियास के नजदीकी रिश्तेदार या उसके वकील का रहना जरूरी है. अदालत के आदेश का पुलिस ने पालन किया. पुलिस पूछताछ के दौरान इलियास के वकील भी उपस्थित थे.

1985 में करता था फेरी
पुलिस के समक्ष दिये स्वीकारोक्ति बयान में इलियास ने बताया है की वह वर्ष 1985 में बोकारो के अड्डाक्वारी व कश्मीर कॉलोनी क्षेत्र में फेरी कर बरतन बेचने का काम करता था. इस दौरान वह अक्सर बोकारो से पश्चिम बंगाल के जिला मुर्शिदाबाद, थाना रघुनाथगंज, ग्राम लालखन दिगार स्थित अपने गांव आता-जाता था. इस दौरान वह कुछ लोगों से संयंत्र से चोरी किया गया लोहा आदि की खरीदारी कर उसे बेचने लगा.

लोगों का साथ मिला और बन गया अरबपति
धीरे-धीरे उसके इस धंधे में कई लोगों का साथ मिला और धंधा आगे बढ़ता गया. इलियास अरबपति लोहा तस्कर के नाम से गिना जाने लगा. संयंत्र से लोहा चोरी करने में इलियास को अडडाक्वारी व कश्मीर कॉलोनी के लोगों ने भरपूर साथ दिया. इन्हीं लोगों की बदौलत वह लोहा चोरी कर उसका तस्करी कराने में एकाधिकार हासिल किया. पुलिस व सीआइएसएफ व अन्य कई लोगों को मैनेज कर वर्ष 2007 से वर्ष 2011 तक इलियास का संयंत्र से लोहा, पीतल, अन्य कीमती समान व आस्ट्रेलियन कोक की चोरी कर तस्करी करने का धंधा बेरोक-टोक चला.

अड्डा ध्वस्त हुआ भाग गया बंगाल
संयंत्र से चुराया गया लोहा व अन्य सामान बोकारो, रामगढ़ व पुरूलिया जिला के विभिन्न फैक्टरी में खपाया जाता था. वर्ष 2011 में पुलिस की छापामारी व बालीडीह थाना क्षेत्र के लोहा चोरी का मुख्य अड्डा अड्डाक्वारी व कश्मीर कॉलोनी को ध्वस्त कर दिया गया. क्षस कारण इलियास ने बोकारो से अपना मोहभंग कर लिया. वह एक बार फिर से पश्चिम बंगाल चला गया.

राजनीति के चक्कर मे हुआ गिरफ्तार
एक राष्ट्रीय पार्टी के बैनर तले इलियास नेतागिरी करने लगा. पैसे की बदौलत इलियास ने अपना जनाधार राजनीति में भी कायम कर लिया. बंगाल की मुख्य राजनीतिक पार्टी तृणमूल कांग्रेस व सीपीएम का जनाधार घटता जा रहा था. सीपीएम पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इलियास को गिरफ्तार कराने में मुख्य भूमिका निभायी. इलियास के खिलाफ बंगाल में भी पांच-छह मामले दर्ज है. बंगाल के सभी मामलों में वह जमानत पर है. बोकारों के भी कई मामलों में इलियास को जमानत मिल चुकी है. पुलिस अब वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर इलियास के अन्य सहयोगियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में जुट गयी है.

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