17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हां! काड़ा चराने वाले का बेटा भी विधायक बन सकता है…

अपनों के कमेंट से आहत होकर डॉ लंबोदर ने विधायक बनने का लिया था संकल्प प्रभात खबर के साथ बातचीत में पहली बार साझा की अपनी भावना दीपक सवाल, कसमार : झारखंड प्रशासनिक सेवा में रहते हुए एडीएम रैंक की नौकरी को त्याग कर डॉ लंबोदर महतो जब राजनीति में कूदे, तो बहुतों को यह […]

  • अपनों के कमेंट से आहत होकर डॉ लंबोदर ने विधायक बनने का लिया था संकल्प
  • प्रभात खबर के साथ बातचीत में पहली बार साझा की अपनी भावना
दीपक सवाल, कसमार : झारखंड प्रशासनिक सेवा में रहते हुए एडीएम रैंक की नौकरी को त्याग कर डॉ लंबोदर महतो जब राजनीति में कूदे, तो बहुतों को यह अटपटा लगा था. यहां तक कि उनके अपने भी इस फैसले से नाखुश थे. आम प्रतिक्रिया यही थी कि राजनीति का शौक चढ़ने के कारण ही इन्होंने इतना बड़ा फैसला लिया.
लेकिन इसकी मूल वजह कुछ और थी. गुरुवार को ‘प्रभात खबर’ से विशेष बातचीत में डॉ लंबोदर महतो पहली बार इसका खुलासा करते हुए इतने भावुक हो उठे की उनकी आंखें नम हो गयी. डॉ लंबोदर ने कहा : राजनीति में आने अथवा विधायक का चुनाव लड़ने के बारे में कभी नहीं सोचा था. इस तरह की कभी कोई इच्छा भी नहीं थी. जन सेवा की भूख शुरू से रही है और प्रशासनिक अधिकारी रहते वही सब कर रहा था.
अधिक से अधिक लोगों का परोपकार उनके हाथों हो, यही जीवन की मूल अभिलाषा रही है. डॉ लंबोदर बताते हैं – मेरी इस सामाजिक सक्रियता से क्षेत्र में यह चर्चा होने लगी कि विधायक का चुनाव लड़ने के कारण यह सब कर रहे हैं. हालांकि, कई लोगों ने चुनाव लड़ने की सलाह भी दी थी, लेकिन उस समय मेरा ऐसा कोई भी इरादा नहीं था.
उन्हीं दिनों इन चर्चाओं के बीच कुछ लोगों ने मेरे पिता से जोड़ते हुए अमर्यादित कमेंट करते हुए कहने लगे- ‘जिसका बाप जीवनभर काड़ा चराते-चराते मर गया, उसका बेटा अब विधायक बनने चला है.’ यह बात मेरे दिल को छू गयी. उसी समय मन में संकल्प लिया कि एक दिन विधायक बनना है. बस यह दिखाने के लिए कि काड़ा (भैंस) चराने वालों का बेटा भी विधायक बन सकता है. बताते हैं – इस तरह के कमेंट करने वाले कोई पराये नहीं, अपने ही थे.
कोई अपने इस तरह के कमेंट करते हैं तो दिल को अधिक चुभता है. डॉ लंबोदर आंखों में आये आंसुओं को छलकने से रोकते हुए कहते हैं- एक मित्र के घर बर्थडे पार्टी में एक राजनेता ने जिस तरह दुत्कारा था, उससे भी काफी आहत हुआ था. इन दोनों घटनाओं ने बहुत तकलीफ पहुंचायी थी. आज इस बात की खुशी है कि मन में लिया वह संकल्प आज पूरा हुआ. इतने दिनों तक यह संकल्प मन में दबाये रखा था.
आज पहली बार इसे साझा कर रहा हूं. उल्लेखनीय है कि डॉ लंबोदर की पारिवारिक पृष्ठभूमि अत्यंत साधारण कृषक परिवार की है. इनके पिता स्वर्गीय भानु महतो खेतीबारी व मवेशी चराकर परिवार का जीविकोपार्जन करते थे. बहुत कठिन परिस्थितियों में इन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की थी और सरकारी नौकरी प्राप्त की थी.
जन अभिलाषाओं पर उतरेंगे खरा
डॉ लंबोदर ने कहा : यह मेरी नहीं, इस क्षेत्र की जनता की जीत है. यहां की जनता ही मेरे जनार्दन हैं. इनकी सेवा एवं आकांक्षाओं-जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरे मन से कार्य करेंगे. कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे. कहा : मुझे पता है कि क्षेत्र की जनता को मुझसे काफी अपेक्षाएं हैं. उस पर खरा उतरना किसी चुनौती से कम नहीं है. हम इस चुनौती को स्वीकार कर चुके हैं. उम्मीद है कि इन पांच सालों में क्षेत्र की जनता को सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे.
डॉ लंबोदर ने कहा : विकास के मापदंड में गोमिया विधानसभा सही मायने में काफी पिछड़ा है. बहुत सारे गांवों में मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं. पूर्व के जनप्रतिनिधियों ने जन-आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य नहीं किया.
मेरी यह भरपूर कोशिश होगी कि गोमिया में विकास के बेहतर परिणाम दिखे. इसके लिए हर तरह से प्रयास होंगे. कहा : हम प्राथमिकता के साथ कार्य करेंगे और विकास को को रफ्तार देंगे. साथ ही सभी जाति-धर्मों के लोगों को समान रूप से लेकर चलना मेरी प्राथमिकता है. कहा : बातों और वादों से अधिक काम करने पर विश्वास रखता हूं. वही कर के दिखाना है.
जन्मजात है परोपकार की भावना
डॉ लंबोदर में परोपकार की भावना दिखावा अथवा राजनीतिक उद्देश्यों से नहीं, बल्कि जन्मजात गुण है. इनके पुराने दिनों की एक घटना यही बयां करती है. बताते हैं- मैट्रिक का रिजल्ट निकलने से पहले ही शादी हो गयी थी. उन दिनों ट्यूशन पढ़ाकर अपना जेब खर्च किसी तरह निकालते थे. उन्हीं दिनों अपने एक सहपाठी काशीनाथ को पैसों की सख्त जरूरत थी. मित्र ने मदद के ख्याल से बात साझा की. कोई उपाय न देख पत्नी के गहने बेचकर उनकी मदद की थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें