बोकारो: बोकारो जिले में आम आदमी बीमा योजना के तहत अब तक 17,675 लोगों का बीमा सरकार ने कराया है, लेकिन दावा भुगतान की स्थिति काफी खराब है. एक तो लोग जागरूकता के अभाव में इस योजना के तहत बीमा भुगतान का दावा नहीं करते हैं, और करते भी हैं, तो उसकी फाइल सरकारी पचड़ों में फंसकर धूल फांकती रह जाती है.
इसका बेहतरीन उदाहरण हैं मंजूरा के रामचंद्र घांसी. इन्होंने एक दुर्घटना में अपना एक पैर गंवा दिया. वर्ष 2012 में बीमा दावा भुगतान के लिए आवेदन दिया, लेकिन सरकार ने अब तक इन्हें बीमा राशि का भुगतान नहीं किया. मामले में पदाधिकारी जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग पदाधिकारी राकेश कुमार दुबे यह कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, कि वह अभी नये हैं और रामचंद्र घांसी के आवेदन की जानकारी उन्हें नहीं है.
20,590 लोगों का बीमा करने का लक्ष्य : सरकार ने वर्ष 2014-15 में बोकारो जिले में सामान्य व अन्य वर्ग के 12,766 व अनुसूचित जाति वर्ग 7824 लोगों का आम आदमी बीमा योजना के तहत बीमा करने का लक्ष्य रखा है. आम आदमी बीमा योजना 18 से 59 वर्ष तक के आयु वाले लोगों के लिए है. किसी भी बीमा धारक की उम्र 60 वर्ष हो जाने से बीमा स्वत: रद्द हो जाता है. इसके बाद बीमा धारक को कोई लाभ नहीं मिलता है.
क्या है योजना
आम आदमी बीमा योजना वर्ष 2008-09 में शुरू हुई थी. इसमें वैसे ग्रामीणों को लाभ मिलता है, जो भूमिहीन हैं या जिनके पास 50 डिसमिल से कम जमीन है. बीमा की प्रीमियम की राशि केंद्र व राज्य सरकार 100-100 रुपये इंश्योरेंस कंपनी को देती है. ग्रामीण भूमिहीन परिवारों का चयन अंचल अधिकारी / प्रखंड विकास पदाधिकारी करते हैं. इस योजना के तहत किसी ग्रामीण की सामान्य मृत्यु पर 30 हजार रुपये, दुर्घटना में मृत्यु होने पर 75 हजार रुपये, दुर्घटना में स्थानीय पूर्ण अपंगता होने पर 75 हजार रुपये, दुर्घटना में आंशिक अपंगता होने पर 37 हजार पांच सौ रुपये दिया जाता है. साथ ही इस योजना के अंतर्गत बीमित सदस्यों के दो बच्चे जो नौ से 12वीं कक्षा में पढ़ते हो, को प्रतिमाह 100 रुपये शिक्षावृत्ति दिये जाने का प्रावधान है.
योजना के संबंध में लोगों को नहीं है जानकारी
किसी दुर्घटना में किसी ग्रामीण की मौत होती है, तो पारिवारिक लाभ के तहत 20 हजार रुपये दिया जाता है. मृत्यू के बाद लोग सड़क जाम कर देते हैं. लेकिन यह कोई नहीं जानता की मृतक परिवार को लाभ कैसे पहुंचाना हैं. सरकार ने आम आदमी बीमा योजना चला रखी है. अगर आंदोलन करने से अच्छा तो यह होता, कोई व्यक्ति मृतक के परिवार को लाभ दिलाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करता.