शिक्षा विभाग ने अनुमोदन को राज्य सरकार के पास भेजा बजट
चास : शिक्षा विभाग के मध्याह्न भोजन कोषांग की ओर से वित्तीय वर्ष 2019-20 में एमडीएम पर 30 करोड़ रुपये खर्च करने का बजट बनाया गया है. बजट को बोकारो डीसी कृपानंद झा ने नौ मई को ही मंजूरी दे दी है. विभाग ने अब बजट को पास कराने के लिये राज्य सरकार को भेज दिया है.
जिला में इस वित्तीय वर्ष में वर्ग एक से आठ तक के एक लाख 29 हजार विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जबकि जिला में नामांकित विद्यार्थियों की संख्या एक लाख 80 हजार 157 है. शिक्षा विभाग की ओर से इस बार मध्याह्न भोजन के लिये 75 फीसदी विद्यार्थियों की उपस्थिति पर बजट तैयार किया गया है.
गौरतलब हो कि वर्ग एक से पांच तक 89 हजार व वर्ग छह से आठ तक 40 हजार विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन देने की योजना है. वर्ग एक से पांच तक के विद्यार्थियों को प्रत्येक दिन 100 ग्राम चावल व वर्ग छह से आठ तक के विद्यार्थियों को प्रत्येक दिन 150 ग्राम चावल देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
वहीं वर्ग एक से पांच तक के प्रत्येक विद्यार्थी पर चार रुपये 35 पैसे व वर्ग छह से आठ के प्रत्येक विद्यार्थी पर छह रुपये 51 पैसे खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है. विद्यार्थियों को प्रत्येक सप्ताह में दो दिन अंडा देना है. अंडा नहीं खाने वाले विद्यार्थियों को फल देना अनिवार्य है.
कुकिंग कॉस्ट पर खर्च होंगे 17 करोड़ रुपये : जिला के 1522 विद्यालयों में सफलतापूर्वक मध्याह्न भोजन संचालित करने के लिये 17 करोड़ रुपये कुकिंग कॉस्ट पर खर्च करने की योजना बनायी गयी है. वहीं एक करोड़ रुपये अनाज पर खर्च किये जायेंगे. पांच करोड़ रूपये रसोइया के मानदेय पर खर्च किया जायेगा. ट्रांसपोर्टिंग सहित कार्यालय संचालन का खर्च के लिये अलग से बजट बनाया गया है.