बोकारो: पांच जून मतलब विश्व पर्यावरण दिवस. ऐसा दिवस जो दुनिया वालों को याद दिलाये कि उन्हें इस धरती के पर्यावरण को सुरिक्षत रखना है. उसे अधिक बिगड़ने से रोकना है, उसे इस रूप में बनाये रखना है कि आने वाली पीढ़ियां उसमें जी सके.
पर्यावरण शब्द का अर्थ बहुत व्यापक है. सड़कों व खुले भूखंडों पर आम जनों के द्वारा फेंके जाने वाली प्लास्टिक की थैलियों की समस्या पर्यावरण से ही संबंधित है. यह स्वास्थ्य के लिए उत्तम नहीं है. शहरों में ही नहीं गांवों में भी कंक्रीट जंगल विकिसत हो रहा है. ये रिहायशी इलाके पर्यावरण को प्रदूषित ही करते हैं. भूगर्भ जल का अमर्यादित दोहन अब पेय जल की गंभीर समस्या को जन्म दे रहा है.
हमारे शहरों व गांवों में फैली गंदगी का कोई कारगर इंतजाम नहीं है. ध्वनि प्रदूषण भी यदाकदा चर्चा में आती रहती है. जलवायु परिवर्तन को अब इस युग की गंभीर समस्या के तौर पर देखा जा रहा है. इसका खामियाजा मानव को ही भुगतना है.