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बेरमो : इंटक मामले पर दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई आज, रेड्डी-राजेंद्र और ददई की पैनी नजर

बेरमो : इंटक मामले में सात जनवरी को दिल्ली हाइकोर्ट में सुनवाई होगी. इसको लेकर इंटक के दोनों गुट रेड्डी-राजेंद्र और ददई दुबे की पैनी नजर है. इंटक के दो बड़े नेता डॉ जी संजीवा रेड्डी औ चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे दिल्ली में ही मौजूद हैं. इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह बेरमो […]

बेरमो : इंटक मामले में सात जनवरी को दिल्ली हाइकोर्ट में सुनवाई होगी. इसको लेकर इंटक के दोनों गुट रेड्डी-राजेंद्र और ददई दुबे की पैनी नजर है. इंटक के दो बड़े नेता डॉ जी संजीवा रेड्डी औ चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे दिल्ली में ही मौजूद हैं. इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह बेरमो में ही है.
दिल्ली पहुंचे इंटक ददई गुट के राष्ट्रीय महामंत्री एनजी अरुण ने रविवार को प्रभात खबर से हुई बातचीत में कहा कि मामला कोर्ट में है, इसलिए पहले कुछ नहीं कहा जा सकता है. संजीवा रेड्डी की हेकड़ी के कारण आज इंटक की यह दुर्दशा हुई है.
मालूम हो कि इससे पहले एक अगस्त 2018 को कोर्ट में दो मामलों पर सुनवाई हुई थी. पहला मामला इंटक रेड्डी व राजेंद्र गुट को जेबीसीसीआइ से अलग रखने तथा वेजबोर्ड-दस में इंटक की सीट छह से घटा कर चार किये जाने का था.
इस पर रेड्डी गुट के वकील ने कहा था कि जेबीसीसीआइ का गठन हो चुका है और जेबीसीसीआइ दस के वेजबोर्ड समझौते में इंटक कोर्ट के आदेश पर शामिल नहीं रहा. इसलिए सितंबर 2016 से इंटक के जेबीसीसीआइ में शामिल रहने पर लगायी गयी रोक को वापस लिया जाये.
इंटक रेड्डी गुट के अनुसार इस केस को कोर्ट ने डिस्पोज (डिसमिस) कर दिया. एक दूसरा मामला कोल इंडिया में सालाना बोनस को लेकर वर्ष 2016 में इंटक नेता राजेंद्र सिंह, एसक्यू जामा व जेबीआर शर्मा को बुलाये जाने पर इंटक ददई गुट की ओर से कोर्ट में दायर याचिका का था. इस मामले को भी डिसमिस कर दिया गया था.
एक अगस्त की सुनवाई के बाद इंटक रेड्डी-राजेंद्र गुट की ओर से कहा गया था कि कोर्ट के आये फैसले के बाद अब इंटक जेबीसीसीआइ की मानकीकरण कमेटी सहित सभी कमेटियों में शिरकत कर सकती है. वहीं, ददई गुट का कहना था कि सभी कमेटियों से बाहर करने के खिलाफ श्री रेड्डी द्वारा दायर याचिका संख्या 447-17 पर सुनवाई नहीं हुई. इसलिए इंटक पूर्व की तरह सभी कमेटियों से बाहर रहेगी.
हालांकि, अभी तक इंटक का दोनों गुट कोल इंडिया की सभी कमेटियों से बाहर है. इधर, इंटक केके तिवारी व महाबली मिश्रा गुट ने एक अगस्त को कोर्ट के फैसले के बाद कहा था कि रेड्डी और ददई की दलीलें खारिज हो गयी. हमने इंटक के नाम और रजिस्ट्रेशन का केस किया है जिसकी सुनवाई सात जनवरी 2019 को होगी.
तारीख पर तारीख ने इंटक को किया बेहाल
दिल्ली हाइकोर्ट में इंटक मामले को लेकर इसके पहले एक अगस्त 2018 को सुनवाई हुई थी. इसके पहले 12 दिसंबर 2017 व इसके बाद एक मार्च 2018 को होने वाली सुनवाई टल गयी थी. एक मार्च को फिर से कोर्ट ने एक अगस्त 2018 को सुनवाई की तीथि तय की थी.
माननीय न्यायाधीश विभू बाखडू के न्यायालय में 12 दिसंबर एवं एक मार्च को सुनवाई नहीं हो सकी थी तथा कोर्ट ने अंतरिम राहत को जारी रखते हुए अगली सुनवाई की तीथि एक अगस्त 2018 को मुकर्रर की थी. बताते चले कि सितंबर 2016 से लेकर अब तक न्यायालय में सुनवाई की करीब दस तारीखें पड़ चुकी है. सूत्रों की माने तो अभी यह मामला और लंबा खींच सकता है.
12 दिसंबर 2017 के पहले इस मामले पर न्यायालय में 11 जुलाई 2017 को सुनवाई होनी थी, जिसे बढ़ा कर 12 दिस‍ंबर 2017 कर दिया गया था. 11 जुलाई के पहले 27 अप्रैल 2017 को सुनवाई थी, जिसमें सुनवाई की अगली तीथि 11 जुलाई 2017 की गयी थी. 27 अप्रैल 2017 के पहले 23 मार्च 2017, 25 जनवरी 2017, 20 जनवरी 2017 को सुनवाई की तिथि थी. बाद में कोर्ट ने सभी पांच मामलों को एक साथ टैग कर दिया था.

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